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राहुल गांधी ने जयपुर में लॉन्च किया कांग्रेस का 'पायलट' प्रोजेक्ट

राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत मनमुटाव को लेकर है. राहुल ने पायलट और गहलोत दोनों को जनता के सामने हाथ और गले मिलवाया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
सना जैदी/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 11 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST

राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का शो शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के नाम रहा. कांग्रेस की इस चुनावी सभा के बाद एक तरह से साफ हो गया है कि राजस्थान में कांग्रेस के पायलट सचिन पायलट ही रहेंगे. एयरपोर्ट से लेकर रामलीला मैदान तक हर जगह सचिन पायलट के नारे गूंजते रहे. पायलट और राहुल गांधी में जिस तरह करीबी देखी गई उसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चा आम है कि अब सचिन पायलट चुनाव में कांग्रेस का चेहरा रहेंगे. इस बात पर भी लोगों का भरोसा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनेंगे.

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सचिन पायलट को मिली तरजीह

बता दें कि पिछले दो दिनों से राहुल गांधी के रोड शो और कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारी चल रही थीं. सड़कों पर कहीं भी पोस्टरों में अशोक गहलोत नहीं दिखाई दिए. अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगाते हुए भी बहुत कम दिखे. जयपुर की सड़क पर हर तरफ सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लग रहे थे. राहुल गांधी ने भी सचिन पायलट को तरजीह दी और लगातार बातचीत करते रहे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चा रही कि सचिन पायलट और राहुल गांधी करीबी हैं, हो सकता है सचिन पायलट आज की सभा के बाद फ्री हैंड मिले. अशोक गहलोत कांग्रेस के संगठन महासचिव हैं लेकिन सचिन पायलट से पहले उनका भाषण करवाया गया. ऐसे में मंच पर भी सचिन पायलट को अहमियत मिलती दिखाई दी. गौरलतब है कि जयपुर का यह कार्यक्रम कांग्रेस के लिए चुनावी शंखनाद की सभा थी.

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राहुल ने गहलोत-पायलट को मिलवाया गले

अशोक गहलोत दिल्ली में कांग्रेस के महासचिव बन चुके हैं लेकिन फिर भी कहते रहते हैं कि मैं राजस्थान से दूर नहीं हूं. वहीं जयपुर की सभा में अशोक गहलोत कटे-कटे दिखाई दिए. हालांकि राहुल गांधी जानते हैं कि चुनाव में जीत के लिए दोनों का साथ होना जरूरी है. लिहाजा मंच पर बैलेंस बनाते दिखे. जब सभा की शुरुआत हुई तो एक तरफ सचिन पायलट को बैठाया तो दूसरी तरफ अशोक गहलोत को बैठाया और अंत में दोनों को गले मिलवाया.

गहलोत पार्टी के लिए करते रहेंगे काम

बता दें कि अशोक गहलोत दो बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में पार्टी पर उनकी पकड़ है लेकिन सचिन पायलट के साढे़ चार साल के कांग्रेस के अध्यक्ष रहने के दौरान जिस तरह से पार्टी ने बीजेपी सरकार के खिलाफ संघर्ष किया है पायलट को उसका फायदा मिलता दिख रहा है. राहुल गांधी ने कहा है कि पार्टी में जो संघर्ष करेगा उसको फल मिलेगा. इशारे-इशारे में गहलोत ने कह दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.

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