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राहुल की मानसरोवर यात्रा पर पेच, विदेश मंत्रालय ने कहा- अब तक नहीं मिला आवेदन

राहुल गांधी ने 29 अप्रैल को दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में ऐलान किया था कि वो कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे. राहुल ने यह घोषणा तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण की तारीख खत्म होने के बाद की थी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
जावेद अख़्तर/गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2018,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा पर अब तक सस्पेंस बना हुआ है. सार्वजनिक तौर पर ऐलान करने के बावजूद राहुल गांधी इस धार्मिक यात्रा पर नहीं जा पाए हैं. कांग्रेस का दावा है कि विदेश मंत्रालय से इस संबंध में अनुमति नहीं मिल पाई है, जबकि मंत्रालय से खबर मिली है कि राहुल गांधी की तरफ से यात्रा के लिए अब तक आधिकारिक तौर पर आवेदन ही नहीं किया गया है. 

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दरअसल, राहुल गांधी ने 29 अप्रैल को दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में ऐलान किया था कि वो कैलाश मानसरोवर यात्रा जाएंगे. इसके लिए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से 15 दिन की छुट्टी भी मांगी थी. लेकिन राहुल ने यह घोषणा तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण की तय तारीख खत्म होने के बाद की थी. कांग्रेस की तरफ से कहा जा रहा है कि इसके बाद राहुल ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने के लिए विदेश मंत्रालय से विशेष अनुमति की मांग की. लेकिन कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि राहुल को अभी तक विशेष अनुमति नहीं दी गई.  

हालांकि, आजतक को मिली जानकारी इससे उलट है. सूत्रों के मुताबिक, आजतक को पता चला है कि कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से आधिकारिक तौर पर अब तक विदेश मंत्रालय से परमिशन की अपील ही नहीं की गई है. ये भी बताया गया है कि राहुल गांधी को यात्रा के लिए 'पॉलिटिकल क्लीयरेंस' न देने की कोई वजह नहीं है.

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यात्रा पर जाने के दो तरीके

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने के दो तरीके हैं. विदेश मंत्रालय हर साल यात्रा के लिए लॉटरी सिस्टम जारी करता है. तय तारीख के अंदर इच्छुक लोगों को यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इस साल 21 फरवरी को जारी हुई विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक, यात्रा के रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 23 मार्च रखी गई थी. जबकि राहुल गांधी ने यात्रा का ऐलान ही 29 अप्रैल को किया था.

इसके अलावा प्राइवेट टूर के तौर पर भी मानसरोवर यात्रा पर जाने का विकल्प है. इसमें नेपाल रूट से होकर चीन से गुजरते हुए जाना पड़ता है. इसके लिए चीन से वीजा भी लेना पड़ता है.

हालांकि, अगर कोई संसद सदस्य प्राइवेट तौर पर यात्रा जाना चाहता है तो उसके लिए सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. विदेश मंत्रालय इसकी इजाजत देता है.

शनिवार को कांग्रेस पार्टी सूत्रों ने बताया था कि राहुल गांधी यात्रा के निर्धारित काल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं कर पाए थे, जिसके बाद उन्होंने यात्रा पर जाने के लिए विशेष अनुमति मांगी थी. कांग्रेस का कहना है कि परमिशन अब तक नहीं मिली है, जबकि विदेश मंत्रालय अनुमति के लिए आधिकारिक आवेदन मिलने की बात से ही इनकार कर रहा है. बता दें कि इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा 8 जून से 8 सितंबर के बीच चलेगी.

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