
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर दी गई टिप्पणी पर अपनी राय रखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि सीएए की संवैधानिक स्थिति संदेहास्पद है. अगर सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप नहीं किया तो वह कानून की किताब में कायम रहेगा और अगर कुछ कानून की किताब में है तो उसे सभी को मानना होगा.
खुर्शीद ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि सीएए पर राज्य सरकारों की अलग-अलग राय है. उन्हें अभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई घोषणा का इंतजार करना होगा.
सिब्बल बोले- कोई राज्य लागू करने से नहीं कर सकता इनकार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पारित हो गया है तो कोई भी राज्य इसे लागू करने से मना नहीं कर सकता है. सीएए को लागू करने से मना करना मुमकिन नहीं और इसे लागू करने से इनकार करना असंवैधानिक होगा.
सिब्बल ने इसके साथ ही केरल के राज्यपाल पर निशाना साधा है. सिब्बल ने कहा कि केरल के राज्यपाल को संविधान के बारे में कोई आइडिया नहीं है. उन्होंने शनिवार को यह बात केरल लिटरेचर फेस्टिवल में कही है.
सीएए को लागू करने से मना करना असंवैधानिक
कपिल सिब्बल ने कहा कि सीएए संसद से पास है तो कोई भी राज्य ये नहीं कह सकता कि हम इसे लागू नहीं करेंगे. ये संभव नहीं है. ये असंवैधानिक है. आप इसका विरोध कर सकते हैं. आप विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और सरकार से कह सकते हैं कि इसे वापस लिया जाए.
यह भी पढ़ें: हुबली में अमित शाह बोले-CAA का विरोध करने वाले दलित विरोधी
केरल और पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित
कपिल सिब्बल ने यह बात ऐसे समय कही है जब केरल और पंजाब सरकार ने CAA को राज्य में लागू करने से इनकार किया है. केरल सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के राज्य में सीएए को लागू नहीं करने की बात कही थी. वहीं पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार ने भी सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि इस कानून से राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के छिन्न-भिन्न होने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में सरकार नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के संबंध में सदन की इच्छा से आगे बढ़ेगी.