
नोटबंदी के मामले पर बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल सकी. शुरुआत से ही दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिला. नोटबंदी के मुद्दे को लेकर जहां विपक्ष ने हंगामा किया वहीं राज्यसभा में बीजेपी सदस्यों ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की. राज्यसभा में विपक्ष ने 'पीएम सदन में आओ' का नारा लगाया. हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा की कार्यवाही दिन भर नहीं चल सकी.
भड़के लालकृष्ण आडवाणी
संसद में चल रहे गतिरोध को देखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आणवाणी भड़क गए . आडवाणी ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों की सदन को चलने देने में बिल्कुल भी रुची नहीं हैं. आडवाणी ने कहा कि जो लोग सदन में बाधा डाल रहे हैं उन्हें स्पीकर को बाहर कर देना चाहिए. यहां तक कि उनकी सैलरी भी काटनी चाहिए. आडवाणी की नाराजगी के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्य मंत्री एस. एस. अहलूवालिया आडवाणी से मिले.
दिन भर बाधित रहा संसद
कांग्रेस के सदस्यों ने जहां मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध किया वहीं राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों ने भी नारेबाजी की. हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. फिर 12 बजे कार्यवाही स्थगित हुआ और तीसरी बार 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भी विपक्ष ने हंगामा जारी रखा. इसके बाद स्पीकर ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दिया. विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही भी 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
'हिम्मत हो तो चर्चा करो'
नोटबंदी के मामले को लेकर राज्यसभा में खूब नारेबाजी हुई. बीजेपी के सदस्यों ने नारा लगाया कि 'हिम्मत हो तो चर्चा करो'. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि इससे साफ दिख रहा है कि विपक्ष चर्चा से भागना चाहता है और बिना किसी कारण के संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है. जेटली यही नहीं रुके और कहा कि मीडिया में कवरेज के लिए विपक्ष कार्यवाही में बाधा डाल रहा है.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
चर्चा के साथ वोटिंग कराने की मांग
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल अपनी मांग के समर्थन में अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और मतविभाजन वाले किसी नियम के तहत चर्चा की मांग करने लगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में कुछ देर मौजूद रहे. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से कहा कि वे नियम 193 के तहत चर्चा करें.
विपक्ष पर बाधा डालने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि हम कई बार निवेदन कर चुके हैं और आप भी कह चुकी हैं. हम चर्चा के लिए तैयार हैं. अब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल क्यों गतिरोध पैदा कर रहे हैं? हम फिर कहना चाहते हैं कि प्रश्नकाल के तत्काल बाद नियम 193 के तहत चर्चा शुरू करें.
'देश-विदेश में हो चुकी है वोटिंग'
विपक्ष के ‘वोटिंग, वोटिंग’ नारे के बीच अनंत कुमार ने कहा कि वोटिंग हो चुकी है. देश में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वोटिंग हो चुकी है. टाइम मैगजीन में हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वमान्य हो गए हैं. सभी देशों में नंबर एक हो गए हैं. इस बीच विपक्षी सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा. हंगामे के बीच ही कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए गए.
चर्चा के नियमों पर अटकी है बात
इससे पहले कांग्रेस के सांसदों की अहम बैठक दिल्ली में हुई. इस मामले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चर्चा के नियमों को लेकर अब तक गतिरोध देखने को मिला है. कांग्रेस पार्टी चर्चा के बाद वोटिंग की अपनी मांग पर अड़ी हुई है. हालांकि, पहले ये रिपोर्ट थी कि कांग्रेस के रुख में थोड़ी नरमी आती दिख रही है. इससे लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने की संभावना बढ़ गई थी. लेकिन अब फिर संसद में गतिरोध बढ़ा हुआ दिख रहा है.
किसी को तो झुकना होगा: शिवसेना
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने संसद में जारी गतिरोध पर कहा कि देश के हित में किसी न किसी को झुकना पड़ेगा. चाहे वो सत्ता पक्ष हो या विपक्ष.
पीएम का सख्त संदेश
इस बीच, पीएम मोदी ने नोटबंदी के फैसले के बारे में सख्त संदेश दिया है. बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं से जनता के बीच जाकर नोटबंदी के फायदों और डिजिटाइजेशन तथा कैशलेस इकोनॉमी के बारे में बताने को कहा. पीएम ने कहा कि जैसे चुनाव प्रचार के लिए आप लोगों के बीच जाते हैं वैसे इस कदम के बारे में जाकर लोगों को बताइए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी जैसे बड़े सुधारों पर संसद में बहस नहीं करने देने और गतिरोध पैदा करने को लेकर विपक्षी दलों की निंदा भी की.
अब नियम 184 के तहत चर्चा की मांग
कांग्रेस पार्टी ने अब लोकसभा में नियम 184 के तहत नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग की है. इसका मतलब है कि कांग्रेस अब नोटबंदी के मामले पर बिना वोटिंग के भी चर्चा को तैयार है. इससे पहले कांग्रेस पार्टी नियम 56 के तहत चर्चा कराने पर अड़ी हुई थी. इस में चर्चा के बाद वोटिंग का भी प्रावधान है.
अब तक सत्र में नहीं हो सका है कोई काम
हालांकि, सरकार विपक्ष की इस मांग को मामने को कतई तैयार नहीं दिखी कि चर्चा के बाद वोटिंग कराई जाए. सरकार नियम 193 के तहत चर्चा को राजी थी. राज्यसभा में यही स्थिति है और इसी कारण अबतक के सत्र में संसद में कोई सकारात्मक कामकाज देखने को नहीं मिला. विपक्षी दल संसद से लेकर सड़क तक सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रहे हैं. हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया था कि वह हर मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है लेकिन नोटबंदी का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा.