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शर्मिष्ठा का कांग्रेस में प्रमोशन, मीरा कुमार के बेटे को भी बड़ी जिम्मेदारी

कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे अंशुल मीरा कुमार को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शर्मिष्ठा और अंशुल की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है. इससे पहले शर्मिष्ठा दिल्ली कांग्रेस में प्रदेश प्रवक्ता थीं.

शर्मिष्ठा मुखर्जी को मिली अहम जिम्मेदारी (फाइल फोटो-IANS) शर्मिष्ठा मुखर्जी को मिली अहम जिम्मेदारी (फाइल फोटो-IANS)
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

  • कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी न नियुक्ति को हरी झंडी दी
  • इससे पहले शर्मिष्ठा दिल्ली कांग्रेस में प्रदेश प्रवक्ता थीं

कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे अंशुल मीरा कुमार को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शर्मिष्ठा और अंशुल की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है. इससे पहले शर्मिष्ठा दिल्ली कांग्रेस में प्रदेश प्रवक्ता थीं.

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इस बीच, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के बीच प्रदेश में पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर चल रहे विवाद के सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं को मंगलवार और बुधवार को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है. हालांकि, किसी अनचाही स्थिति को रोकने के लिए सोनिया ने दोनों नेताओं को अलग-अलग बुलाया है। जहां सिंधिया को मंगलवार को बुलाया गया है, वहीं कमलनाथ सोनिया से इसके अगले दिन मिलेंगे.

सोनिया गांधी मध्य प्रदेश में पार्टी का ऐसा प्रदेश अध्यक्ष चाहती हैं जिसे कमलनाथ और सिंधिया, दोनों का समर्थन प्राप्त हो, जो फिलहाल असंभव दिख रहा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी कुछ समय पहले शुरू हुई. सिंधिया के समर्थक खुल कर सामने आ रहे हैं. सबसे पहले दतिया जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशोक दांगी ने चेतावनी दी कि अगर सिंधिया को कांग्रेस प्रदेश कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वे इस्तीफा दे देंगे, उनके बाद मुरेना जिला के कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मवाई भी उनके समर्थन में आ गए.

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समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक दांगी ने कहा कि, "कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कुछ नेता सिंधिया की लोकप्रियता नहीं पचा पा रहे हैं और उन्हें मध्य प्रदेश से बाहर रखने की साजिश रच रहे हैं." कई लोग मानते हैं कि यह सब सिंधिया की सहमति से हुआ. सिंधिया खुद रेस में हैं। हालांकि उन्होंने यह खुद नहीं कहा है लेकिन उनके समर्थकों ने इसकी मांग करने वाले पोस्टर लगवा दिए हैं.

हालांकि, प्रदेश की राजनीति में एक अन्य केंद्र दिग्विजय सिंह सिंधिया को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में हैं, जिससे कमलनाथ का काम आसान हो रहा है. सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री एक आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, जिससे सिंधिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के आसार अपने आप खत्म हो जाते हैं.

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