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नागरिकता विधेयक के खिलाफ कल देशव्यापी प्रदर्शन करेगी कांग्रेस

लोकसभा में बहुमत से पास नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन जारी है. देश के अलग-अलग राज्यों से नागरिकता विधेयक के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की अगुवाई में प्रदर्शन हो रहा हैं. बुधवार को कांग्रेस देशभर में इस बिल को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन निकालेगी.

राहुल गांधी (फाइल फोटो - PTI) राहुल गांधी (फाइल फोटो - PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST

लोकसभा में बहुमत से पास नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन जारी है. देश के अलग-अलग राज्यों से नागरिकता विधेयक के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की अगुवाई में प्रदर्शन हो रहा हैं. एक तरफ जहां दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ता बुधवार को भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे वहीं देशभर में कांग्रेस इस बिल केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन निकालेगी.

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कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी इकाइयों को आदेश जारी कर कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के खिलाफ मुख्यालयों पर धरना दिया जाए.

सीएबी संविधान पर हमला : राहुल

लोकसभा द्वारा विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) 2019 पारित किए जाने के एक दिन बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे संविधान पर हमला बताया है. उन्होंने कहा कि जो कोई भी विधेयक का समर्थन करता है, वह भारत की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है.

वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, "नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 भारतीय संविधान पर हमला है. जो भी इसका समर्थन करता है वह हमारे राष्ट्र की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है."

लोकसभा के सोमवार को यह विधेयक पास हुआ, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने का प्रावधान है. इसके एक दिन बाद ही राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की.

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यह विधेयक लोकसभा में सोमवार-मंगलवार की आधी रात को पारित कर दिया गया. प्रमुख विपक्षी दलों ने हालांकि इसका कड़ा विरोध किया. उन्होंने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया.

विपक्ष के इस आरोप को सरकार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह देश में रहने वाले समुदाय को प्रभावित नहीं करता है. विधेयक को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया.

विधेयक के पक्ष में 311 जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े. निचले सदन में सोमवार शाम 4 बजे शुरू हुई कार्यवाही 8 घंटे की लंबी बहस के बाद सोमवार व मंगलवार की रात 12:06 बजे तक जारी रही.

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न से भाग रहे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध समुदाय के लोगों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने के लिए कानून बनने से पहले अपनी अंतिम बाधा को पार करने के लिए विधेयक को अब मंगलवार को राज्यसभा में भेजा जाएगा.

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए विधेयक का विरोध किया.

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