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आगामी दिल्ली चुनावों में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने पर कांग्रेस आम आदमी पार्टी (AAP) को समर्थन देने को तैयार है. यह कहकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने गुरुवार को चौंका दिया. हालांकि आम आदमी पार्टी ने फौरन ही इस संभावित पेशकश को ठुकरा दिया.
शीला दीक्षित ने कहा, 'तर्क तो यही कहता है कि हम स्थिर सरकार ही चाहेंगे. इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए हम AAP को तरजीह देंगे.' हालांकि जब उनसे AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया.
हालांकि शीला दीक्षित का बयान कांग्रेस का औपचारिक बयान नहीं माना जा सकता. क्योंकि वह इन दिनों राजनीतिक रूप से हाशिये पर हैं. न ही वह पार्टी का चेहरा हैं और न ही चुनावों की रणनीति और अन्य प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से शामिल हैं.
हालांकि बीजेपी एक बार फिर इसे AAP और कांग्रेस की दोस्ती की तरह पेश कर रही है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस हाथ है तो AAP इसके दस्ताने हैं. वे हाथ जिनमें झाड़ू हैं, वे सब जानते हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. इसके मद्देनजर सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं. 2013 चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन 49 दिन के बाद ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल कानून पास न करवा पाने के चलते इस्तीफा दे दिया था.