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राजस्थान निकाय उपचुनाव: कांग्रेस का शानदार प्रदर्शन, जीती 16 सीटें

यह हार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए सेटबैक माना जा रहा है. उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के इलाके बारां की दोनों वार्ड में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. अलवर और जमेर लोकसभा उपचुनाव के प्रचार में जुटी कांग्रेस के लिए ये अच्छी खबर है.

सीएम वसुंधरा राजे के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के इलाके बारां की दोनों वार्ड में कांग्रेस ने जीत द सीएम वसुंधरा राजे के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के इलाके बारां की दोनों वार्ड में कांग्रेस ने जीत द
आदित्य बिड़वई/शरत कुमार
  • जयपुर ,
  • 19 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST

गुजरात में अच्छे परफॉरमेंस से खुश कांग्रेस में राजस्थान के स्थानीय निकाय उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन से भारी उत्साह है. राज्य के पंचायत चुनाव में 25 सीटों में से 16 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि जिला परिषद की चारों सीटों पर कांग्रेस के उम्मीद्वार जीते हैं.

सबसे बड़ी बात है कि शहरी सरकार माने जाने वाली नगरीय निकाय चुनाव में भी सात-सात सीटें बीजेपी और कांग्रेस समर्थित उम्मीद्वारों ने जीती हैं. शहरों में बीजेपी को मजबूत माना जाता रहा है लेकिन कांग्रेस ने इस उपचुनाव में बीजेपी से बराबरी कर ली है.

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यह हार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए सेटबैक माना जा रहा है. उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के इलाके बारां की दोनों वार्ड में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. यह जीत अलवर और अजमेर लोकसभा उपचुनाव के प्रचार में जुटी कांग्रेस के लिए ये अच्छी खबर है.

प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि ये उपचुनाव दर्शाता है कि राज्य की जनता मौजूदा सरकार से परेशान है और राज्य में बीजेपी की हार चाहती है. बीजेपी के खिलाफ विरोधी लहर चल रही है.

कांग्रेस में नया उत्साह

माना जा रहा है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने और गुजरात में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन से कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं. वहीं, राजस्थान और गुजरात की सीमावर्ती सीटों पर कांग्रेस को सात सीटें मिलने से उम्मीद जताई जा रही है कि इसका असर राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी दिखाई देगा.

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बता दें कि आने वाले कुछ माह में राजस्थान में अजमेर, अलवर और मांडलगढ़ में उपचुनाव होने वाले हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस इन चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगा रही है. यही वजह है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात से लौटकर यहां चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं.   

वहीं, 2018 के दिसंबर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है. ऐसे में कांग्रेस की जीत कार्यकर्ताओं के लिए असरकारक साबित हो सकती है.

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