
2जी मामले में राहत से उत्साहित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के लिए दिग्गज कांग्रेसी नेता शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में थे. कांग्रेस संसदीय दल की नेता के तौर पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी पहुंचीं. प्रोटोकाल के लिहाज से सबसे आखिर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी पहुंचे. बैठक की शुरुआत में सबसे पहले दिवंगत नेता प्रियरंजन दास मुंशी और ओखी को लेकर शोक प्रस्ताव पास हुआ, फिर एक मिनट का मौन रखा गया.
जब भावुक हुए अहमद पटेल
इसके बाद सोनिया गांधी के 19 साल के अध्यक्ष के तौर पर कामकाज की तारीफ करते हुए प्रस्ताव पास हुआ. इस पर बोलते हुए सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल भावुक हो गए.
सूत्रों के मुताबिक अहमद पटेल ने कहा कि, 'सोनिया जी के साथ इतने साल काम किया. वो डांटती भी हैं, लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा है. आगे रुंधे गले से अहमद बोले कि, मैडम इतने सालों में मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ करियेगा. मैं भी इंसान हूं और इंसान से गलती हो जाती है.' इसके बाद बैठक में सियासी चर्चा शुरू हुई और खुद राहुल ने शुरुआत की.
राहुल बोले - मोदी मॉडल झूठा
मोदी मॉडल को झूठा बताने के साथ राहुल ने एक बार फिर राफेल डील और जय शाह का मुद्दा उठाया. 2जी को लेकर मनमोहन सिंह की तारीफ की और बीजेपी के दुष्प्रचार पर हमला बोला. राहुल ने मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान को लेकर दिए गुजरात के मोदी के भाषण की भी कड़ी आलोचना की. इसके बाद राहुल ने पार्टी को मजबूत करने के लिए और चुनावी सफलता हासिल करने के लिये सभी नेताओं से सुझाव मांगे.
मनमोहन बोले- नई रणनीति बनानी होगी
सबसे पहले बारी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की आई. मनमोहन ने 2जी पर आए फैसले पर अपना बयान दोहराया और बीजेपी के प्रोपगेंडा पर सवाल उठाए. इसके बाद गुजरात चुनाव में शहरी सीटों पर कांग्रेस की बुरी हार के चलते चुनाव नहीं जीत पाने पर नए सिरे से रणनीति बनाने पर जोर दिया. मनमोहन सिंह ने याद दिलाया कि, कैसे 2009 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने शहरों में बेहतर प्रदर्शन किया था. उसी तर्ज पर आगे भी काम करना होगा ताकि शहरों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो.
आरपीएन सिंह बोले- अब फैसला टालो की नीति बन्द हो, हर फैसला जल्दी हो
आरपीएन सिंह ने दो टूक कहा कि, कांग्रेस पार्टी में फैसला करने में देरी होने से नुकसान होता है. जब तक फैसला होता है, कई बार देर हो चुकी होती है. फैसला नहीं लेना कोई फैसला नहीं होता, इसलिए जो भी फैसला हो वो तुरन्त हो. अगर गलत हो जाए तो उसको बदल लिया जाए. लेकिन फैसला टाला ना जाए.
बोले कमलनाथ- दौर बदल चुका है, ये दौर-ए-वाजपेयी नहीं दौर ए मोदी है
वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने बैठक में कहा कि, '1998 में जब सोनिया जी आयीं थी, तब से अब का दौर काफी बदल चुका है. तब वाजपेयी जैसे सॉफ्ट नेता से मुकाबला था, अब सामने टीम मोदी है, जो आक्रामक है और जीतने के लिए स्तर नहीं देखती. इसलिए हमको भी आक्रामक होकर लड़ना होगा.
आजाद बोले, हर दो महीने में हो कार्यसमिति की बैठक
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, पार्टी को कार्यसमिति की बैठक हर दो महीने में करनी चाहिए और सिर्फ दिल्ली नहीं देश के तमाम अलग अलग हिस्सों में होनी चाहिए. इस पर राहुल समेत सभी ने सहमति जताई.
मोहन प्रकाश ने उठाया EVM का मुद्दा, लेकिन नहीं मिली ज्यादा तवज्जो
मोहन प्रकाश ने EVM में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया, लेकिन बाकी नेताओं ने इस पर ज्यादा तरजीह नहीं दी. कहा गया कि, इस पर पार्टी अपना पक्ष रख चुकी है. अगर कुछ सवाल और भ्रम हैं, तो आयोग दूर करे और मामला अदालत में है ही.
ऑस्कर फर्नान्डीज ने कहा, 'हमें धरने-प्रदर्शन और दमदार विरोध पर जोर देना होगा. तभी पार्टी बीजेपी को 2019 में बीजेपी को पटखनी दे पाएगी.' वहीं सीपी जोशी ने कहा कि, 'तकनीक के इस दौर में मोदी से टकराने के लिए हम सबको और पार्टी को वैज्ञानिक तरीके से तकनीक का भी सहारा लेना होगा.'
इसके साथ ही सभी ने राहुल को जोरदार तरीके से गुजरात चुनाव लड़ने के लिए तारीफ की और बधाई दी. साथ ही आगे भी पार्टी में अनुशासन बनाए रखने के लिए और चुनाव के ऐन वक्त पर उल्टे-सीधे नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं पर सख्त एक्शन को भी हरी झंडी दी गई. इशारा मणिशंकर पर एक्शन की तरफ ही था.
राहुल की अध्यक्षता में पहली पार्टी की सबसे बड़ी फैसले लेने वाली कार्यसमिति की बैठक करीब ढाई घण्टे चलकर खत्म हुई, दिलचस्प था इस पूरे वक्त सोनिया सिर्फ सुनती रहीं, कुछ बोली नहीं.