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अभी सोनिया ही रहेंगी कांग्रेस अध्यक्ष, पार्टी ने आंतरिक चुनाव के लिए एक साल का वक्त मांगा

दिल्ली में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक खत्म हो गई है और इस बैठक से अहम जानकारी ये सामने आई है कि अभी सोनिया गांधी ही पार्टी अध्यक्ष बनी रहेंगी. कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी के आंतरिक चुनाव के लिए एक साल का वक्त मांगा है.

कांग्रेस की कार्यकारिणी समिति की बैठक कांग्रेस की कार्यकारिणी समिति की बैठक
सबा नाज़/मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:14 PM IST

दिल्ली में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक खत्म हो गई है और इस बैठक से अहम जानकारी ये सामने आई है कि अभी सोनिया गांधी ही पार्टी अध्यक्ष बनी रहेंगी. कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी के आंतरिक चुनाव के लिए एक साल का वक्त मांगा है.

हालांकि बैठक में एके एंटनी ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालने के लिए राहुल गांधी के लिए उपयुक्त समय है. इस पर बैठक में शामिल अन्य सदस्यों ने सहमति जताई. कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाने का समर्थन किया. बैठक में मौजूद राहुल ने कहा कि जो भी पार्टी और कमेटी फैसला करेगी, वो करने को तैयार हैं. एके एंटनी ने कहा कि यही वक्त है जब कांग्रेस को अपनी पूरी ताकत के साथ मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ लड़ना चाहिए.

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संसद के शीतकालीन सत्र के पहले कांग्रेस की वर्किंग कमिटी (कार्यकारिणी समिति) की मौजूदा राजनीतिक हालातों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार सत्ता के नशे में चूर हो गई है. तबीयत खराब होने के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रही हैं. उनकी जगह राहुल गांधी ने बैठक की अध्यक्षता की.

वर्किंग कमिटी की इस बैठक में कांग्रेस मनमोहन सिंह, ऐके एंटनी, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, मलिका अर्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, बीके हरिप्रसाद और ग़ुलाम नबी आज़ाद समेत लगभग 21 मेंबर हिस्सा लेंगे. इस बैठक में राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल ने कार्यकारिणी बैठक में केंद्र पर किए ये 8 वार.

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1. मोदी सरकार को चढ़ा सत्ता नशा, असहमति रखने वालों को किया जाता है चुप.

2. आम नागरिकों को राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में सवाल पूछने के लिए धमकाया जा रहा है.

3. टीवी चैनलों को सजा देते हुए बंद करवाया जा रहा है.

4. काले दौर से गुजर रहा है लोकतंत्र.

5. देश में अभिव्यक्ति का अधिकार छीना जा रहा है. हम इसका आने वाले संसद के सत्र में विरोध करेंगे.

6. दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार जारी है.

7. सरकार ने जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान के मुद्दे पर सभी हदें की पार, दशकों बाद हुई इतनी मौतें.

8. जाति और धर्म के आधार पर चुनाव लड़ती है बीजेपी.

कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को भेजे गय एजेंडा के मुताबिक कमेटी मौजूदा सियासी हालातों पर प्रस्ताव पारित करेगी. मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस जो प्रस्ताव पारित करेगी उसमें सबसे अहम भारत-पाक सीमा पर तनाव, पाकिस्तान की नापाक कोशिशों और शहीद हुए जवानों के प्रति श्रद्धांजलि का जिक्र होगा. साथ ही मोदी सरकार की पाक को काबू में रखने कि नाकामी का खंडन भी किया जाएगा.

इस बैठक में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा होने की संभावना है. कांग्रेस की कोशिश है कि वो कैसे लोकसभा चुनाव की करारी हार को पीछे छोड़ नई कहानी रचे. ऐसे में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए चुनावों में जी जान से महनत करने पर चर्चा होगी.

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कांग्रेस कार्यकारिणी इस बैठक में सर्वसम्मति से संगठन के चुनावों को एक साल के लिए टालने पर भी रजामंदी दी जाएगी. यानी सोनिया गांधी एक साल और कांग्रेस अध्यक्ष बनी रहेंगी. चर्चा ज़ोरों पर है कि राहुल के क़रीबी नेता राहुल गांधी को अध्यक्ष या 'वर्किंग प्रेजिडेंट' बनाने कि बात रख सकते हैं हालांकि इस पर कोई औपचारिक जानकारी नहीं है. ये बैठक उस वक़्त हो रही है जब राहुल गांधी ओरोप को लेकर सड़क पर उतर आये हैं. आरके ग्रेवाल के परिजनों के साथ हुई बदसलूकी पर राहुल के तीखे तेवर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह है. सूत्रों की माने तो राहुल के नेतृत्व पर उठ रहे सवालों पर इस घटना के बाद थोड़ा विराम लगा है.

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