
शेयर बाज़ार की गणना आर्थिक ज्योतिष के अंतर्गत की जाती है. किसी भी कुंडली में पंचम, अष्टम तथा एकादश भाव से आकस्मिक धन प्राप्ति देखी जाती है. पंचम भाव की मजबूती के बिना शेयर बाजार में लाभ की कल्पना नहीं की जा सकती. राहु और चन्द्रमा इन्हीं दोनों ग्रहों से शेयर बाज़ार में लाभ और हानि निर्धारित होती है. बृहस्पति और बुध की स्थिति से शेयर बाज़ार में लाभ बना रहता है और व्यक्ति बड़ी सफलता प्राप्त करता है.
कौन सा ग्रह शेयर बाजार में किस क्षेत्र से सम्बन्ध रखता है?
- सूर्य - राज्य कोष, म्यूच्यूअल फण्ड, लकड़ी, औषधि
- चन्द्रमा - कपास , शीशा, दूध, जलीय वस्तुएं
- मंगल - चाय , खनिज पदार्थ , भूमि भवन , चाय , कॉफ़ी
- बुध - आयात निर्यात , बैंकिंग , शैक्षणिक संस्थान , सलाहकारिता
- बृहस्पति - पीले अनाज , आर्थिक क्षेत्र , सोना , पीतल आदि
- शुक्र - चीनी , चावल , सौैंदर्य प्रसाधन , फिल्म इंडस्ट्री , केमिकल
- शनि - काली वस्तुएं , फैक्ट्री , इंडस्ट्री , लोहा , पेट्रोलियम , चमड़ा
- राहु और केतु - ये बाजार के उतार चढ़ाव , विदेशी वस्तुओं तथा इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स से सम्बन्ध रखते हैं
- ग्रहों का वक्री होना , उदय और अस्त होना शेयर बाजार पर सीधा असर डालता है
- इसके अलावा ग्रहण भी शेयर बाज़ार को सीधे तौर से प्रभावित करते हैं
किन ग्रहों के संयोग से शेयर बाज़ार में लाभ और हानि के योग बनते हैं?
- अगर कुंडली में पंचम भाव और इसका स्वामी मजबूत हो तो शेयर बाजार में खूब सफलता मिलती है
- अगर राहु अनुकूल हो तो व्यक्ति शेयर बाजार में बड़ी सफलताएं पाता है
- बृहस्पति के अनुकूल होने पर व्यक्ति को कॉमोडिटी के बाज़ार में लाभ होता है
- बुध के अनुकूल होने पर व्यक्ति शेयर सम्बन्धी अच्छी सलाह देता है, शेयर का अच्छा व्यवसाय करता है , परन्तु खुद शेयर बाजार में बहुत सफल नहीं होता
- अगर कुंडली में सूर्य राहु , चन्द्र राहु या गुरु राहु का योग हो तो शेयर बाज़ार से दूर ही रहना चाहिए
- अगर धन भाव में राहु हो तो शेयर बाजार में जाने पर व्यक्ति आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाता है
- अगर राहु केंद्र स्थान में हो तो एक समय व्यक्ति शेयर बाज़ार में बड़ी सफलता पाता है , परन्तु उसके बाद दरिद्र हो जाता है