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दुनिया के पहले सुपर दूरबीन से खुलेगा ब्रह्मांड का राज

दुनिया का सबसे बड़ा ऑप्टिकल और इंफ्रारेड दूरबीन चिली में बनाया जा रहा है जिससे वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की आतंरिक गतिविधियों को समझने में मदद मिलेगी.

फोटो क्रेडिट- ESO फोटो क्रेडिट- ESO
साकेत सिंह बघेल/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2017,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

दुनिया का सबसे बड़ा ऑप्टिकल और इंफ्रारेड दूरबीन चिली में बनाया जा रहा है जिससे वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की आतंरिक गतिविधियों को समझने में मदद मिलेगी. यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ईएसओ) द्वारा बनाए जा रहे इस अत्यधिक विशाल दूरबीन (ईएलटी) में मुख्य दर्पण का डायमीटर 39 मीटर का है.

दूरदर्शी आमतौर पर उस प्रकाशीय तंत्र को कहते हैं जिससे देखने पर दूर की वस्तुएं बड़े आकार की और स्पष्ट दिखाई देती हैं. इस दूरबीन की खासियत यह है कि इसे ऑप्टिकल सिस्टम का प्रदर्शन सुधारने के लिए इस्तेमाल करने वाली प्रौद्योगिकी एडेप्टिव ऑप्टिकल से बनाया जा रहा है और इसमें वायुमंडल से होने वाले परेशानी को सही करने की क्षमता है जो दूरबीन इंजीनियरिंग को दूसरे स्तर पर ले जाती है.

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इस विशाल दूरबीन का निर्माण 2024 तक कर लिया जाएगा. इसे चिली में 3,046 मीटर उंचे पर्वत सेरो आर्मजोन की चोटी पर बनाया जाएगा. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस परियोजना में अहम भूमिका निभा रहे हैं और वे इसके स्पेक्ट्रोग्राफ के डिजाइन और निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं. ईएसओ के महानिदेशक टिम डीई जीउव ने कहा, ईएलटी से नई खोजें होंगी जिनकी आज कल्पना नहीं की जा सकती और निश्चित रूप से यह दुनिया में कई लोगों को विज्ञान, तकनीक और ब्रह्मांड में हमारे स्थान के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करेगा.

चिली के राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट ने दुनिया के इस सबसे बड़े ऑप्टिकल और इंफ्रारेड दूरबीन के निर्माण का उद्घाटन किया. इस अवसर पर राष्ट्रपति बैचलेट ने शुक्रवार को कहा, 'यहां अटाकाम मरुस्थल देश के सबसे बड़े प्रतीकात्मक स्थलों में एक है और यह दुनिया का सबसे सूखा इलाका है. हम दूरबीन के निर्माण से कहीं अधिक करने जा रहे हैं. हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा प्राप्त किए जाने वाले सबसे महान उदाहरणों में एक के साक्षी बन रहे हैं.'

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