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गुजरात के मंत्री बोले- जहर पिएं राहुल गांधी, बच गए तो समझूंगा शिव का अवतार

गुजरात सरकार में आदिवासी विकास मंत्री गणपत भाई वसावा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिवभक्ति साबित करने के लिए आधा किलो जहर पीने की चुनौती दे डाली है.

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गोपी घांघर
  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

लोकसभा चुनाव करीब आते-आते नेताओं के बयान भी अपनी मर्यादा लांघते नजर आ रहे हैं. इस कड़ी में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बाद अब उनकी सरकार के एक मंत्री का नाम भी जुड़ गया है. गुजरात सरकार में आदिवासी विकास मंत्री गणपत भाई वसावा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिवभक्ति साबित करने के लिए आधा किलो जहर पीने की चुनौती दे डाली है.

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गणपत भाई वसावा ने सोमवार को सूरत जिले के बारडोली में आयोजित विजय संकल्प सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मंच से कहा कि राहुल गांधी के समर्थक राहुल गांधी को भगवान शिव का साक्षात अवतार कहते हैं, शिवजी तो लोगों के दुख-दर्द दूर करने के लिए जहर पीते थे. आप भी राहुल गांधी को आधा किलो जहर पिला दो. सामने चुनाव हैं, अगर वो बच जाते हैं तो मैं समझ लूंगा कि वह भगवान शिव के अवतार हैं.

गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी के लिए ऐसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान बीजेपी नेताओं का असल चरित्र बताते हैं और यह लोग लोकसभा चुनाव में होने वाली हार की निराशा में ऐसी गलत बयानी कर रहे हैं.

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रूपाणी ने दिया ऐसा बयान

गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने राज्यभर के मंदिरों का दौरा किया था. तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से उन्हें शिव भक्त और जनेऊ धारी ब्राह्मण के रूप में प्रोजक्ट किया गया था. सॉफ्ट हिन्दुत्व की इस लाइन पर चलकर कांग्रेस को सूबे में जीत तो नहीं मिली लेकिन फिर भी कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में बेहतर प्रदर्शन जरूर किया था.

विवादित बयानों की बात करें तो रविवार को ही गुजरात के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए एक विवादित बयान दिया था. विजय रूपाणी ने कहा कि अगर 23 मई को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होती है तो पाकिस्तान में फटाखे फोड़े जायेंगे. अब मुख्यमंत्री के बाद गुजरात के मंत्री गणपत भाई वसावा का यह बयान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी की मौजूदगी में दिया गया. हालांकि इस बयान के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री की ओर से इस पर किसी भी तरह की कोई सफाई नहीं आई है.

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