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अवमानना केस: SC में बोले प्रशांत भूषण- दया की अपील नहीं, जो भी सजा मिलेगी मंजूर

अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया था. आज उनकी सजा पर बहस चल रही है. सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने अपनी दलील रखी.

प्रशांत भूषण प्रशांत भूषण
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया था. आज उनकी सजा पर बहस चल रही है. सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने अपनी दलील में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र किया और कहा कि बोलने में विफलता कर्तव्य का अपमान होगा.

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा, 'पीड़ा है कि मुझे अदालत की अवमानना ​​का दोषी ठहराया गया है, जिसकी महिमा मैंने एक दरबारी या जयजयकार के रूप में नहीं बल्कि 30 वर्षों से एक संरक्षक के रूप में बनाए रखने की कोशिश की है.'

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सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण ने कहा, 'मैं सदमे में हूं और इस बात से निराश हूं कि अदालत इस मामले में मेरे इरादों का कोई सबूत दिए बिना इस निष्कर्ष पर पहुंची है. कोर्ट ने मुझे शिकायत की कॉपी नहीं दी. मुझे यह विश्वास करना मुश्किल है कि कोर्ट ने पाया कि मेरे ट्वीट ने संस्था की नींव को अस्थिर करने का प्रयास किया.'

प्रशांत भूषण ने कहा, 'लोकतंत्र में खुली आलोचना जरूरी है. हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब संवैधानिक सिद्धांतों को सहेजना व्यक्तिगत निश्चिंतता से अधिक महत्वपूर्ण होना चाहिए. बोलने में असफल होना कर्तव्य का अपमान होगा. यह मेरे लिए बहुत ही बुरा होगा कि मैं अपनी प्रमाणिक टिप्पणी के लिए माफी मांगता रहूं.'

प्रशांत भूषण ने महात्मा गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं दया की अपील नहीं करता हूं. मेरे प्रमाणिक बयान के लिए कोर्ट की ओर से जो भी सजा मिलेगी, वह मुझे मंजूर है.'

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सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अपने बयान पर पुनर्विचार करने के लिए दो दिन का समय दिया है. माना जा रहा है कि अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.

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