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मेरी फिल्म को कंट्रोवर्सी से कभी भी फायदा नहीं हुआ है: सलमान

सलमान खान और विवादों का पुराना नाता है. हाल ही सलमान ने एक विवादित बयान दिया है. इस इंटरव्यू में पढ़ें क्या बोला था सलमान ने..

सलमान खान सलमान खान
दीपिका शर्मा
  • मुंबई,
  • 22 जून 2016,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST

इन दिनों हर तरफ सिर्फ और सिर्फ सलमान खान और उनके बयान की चर्चा हो रही है, आखिर सलमान का वो कौन सा इंटरव्यू है जिसके कारण इतना बवाल मचा हुआ है और उसके दौरान क्या क्या बातचीत हुई, पेश है आपके लिए वो पूरा इंटरव्यू...

आपकी फिल्म पहलवानी पर आधारित है, फिल्म से पहले किसी पहलवान को जानते थे?
जी, मैं सिर्फ 'गामा पहलवान' को जानता था, उसके बाद अगर कोई पहलवान थे तो वो 'दारा सिंह' साहब थे.

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'गामा पहलवान' के ऊपर फिल्म बनाना चाहेंगे?
हमने 'गामा पहलवान' के बारे में बहुत सारी कहानियां सुनी है और स्क्रिप्ट भी लिखी है, देखिए कब बनती है.

बचपन में आप कुश्ती देखने जाते थे?
जी, मुंबई में हाजी अली के पास के स्टेडियम में हम लोग रेसलिंग देखने जाते थे, पूरे देश में रेसलिंग काफी मशहूर थी, इंदौर में मेरे चाचा लोग पूरी तरह से रेसलिंग में हैं. वो पहले हर शाम पास के अखाड़ा में कुश्ती लड़ने जाया करते थे, गांव के लोगों को भी रेसलिंग के बारे में पता है.

क्या बचपन में आप तीनों भाई भी कुश्ती लड़ते थे?
तीनों भाइयों के बीच में लड़ाई होती थी लेकिन कुश्ती नहीं लड़ते थे.

कुश्ती सीख ली है?
हां सीख तो गया हूं, लेकिन उसके पीछे बहुत सारी मेहनत जाती है. शारीरिक रूप से बहुत मजबूत होना पड़ता है, पैरों में ताकत होनी चाहिए. जब तक आप बाकी पहलवानों की तरह मेहनत नहीं करोगे, आप उनसे कुश्ती नहीं लड़ पाओगे, मेरी और आमिर (दंगल) की ट्रेनिंग बाकी पहलवानों से बहुत ही ज्यादा अलग और मेहनत से भरी हुई थी. मिट्टी फिर मैट पर और उसके बाद एमएमए (मिक्स्ड मार्शल आर्ट) ये तीनों तरह की ट्रेनिंग की थी.

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क्या दिनचर्या होती थी ?
अगर आप अच्छे से ट्रेनिंग नहीं करते तो आप फ्रॉड नजर आते हैं, आपको उतनी ही मेहनत करनी होती है जितना की एक रेसलर करता है, जब शूटिंग होती है तब 6-6 घंटे तक उठा पटक होती है, अगर मुझे 120 किलो के इंसान को पटकना है तो शूटिंग में ये 8-10 बार करना होता है जबकि असल जिंदगी में ये १ बार ही होता है, कभी मैं उन्हें उठा रहा हूं, कभी वो मुझे उठाते हैं, जब मैं वहां से निकलता था तो मेरी हालत एक रेप्ड महिला जैसी होती थी, ये मुझे नहीं कहना चाहिए.

किसने आपको ट्रेनिंग दी.
एक जगदीश नामक व्यक्ति हैं, पिछले दिनों मैंने उनकी तस्वीर भी डाली थी, जिन्हे मैंने कन्धों पर उठाया था.

फिल्म की कहानी क्या है?
एक छोटे और आम आदमी की कहानी है, जिसकी जिंदगी कैसे बदलती जाती है. फिल्म की स्क्रिप्ट काफी जरूरी है, जिस पर अली (अली अब्बास जफर) ने काफी मेहनत की है.

उम्र के इस पड़ाव में आप इतनी मेहनत कर रहे हैं?
जी, करनी पड़ेगी ही. क्योंकि अगर आप देखें तो हमारे सीनियर्स इसी उम्र में रिटायर हो जाते थे, इसीलिए मैं ज्यादा से ज्यादा और अलग रोल कर रहा हूं. पिछले दिनों मैंने एक फिल्म में अपना क्लोज अप शॉट देखा तो खुद से कहा की भाई तू तो गया, मुझे खुद की बॉडी अच्छी नहीं लगी. इसीलिए मैं और भी ज्यादा मेहनत करने का फैसला किया.

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आपने सिगरेट शराब सब छोड़ दी है?
जी हां, मैंने हमेशा च्वाइस के साथ सेकंड बैड चीज छोड़ी है, जैसे सिगरेट, अल्कोहल, कॉफी

कंट्रोवर्सी से फिल्म को फायदा होता है ?
नहीं, बिल्कुल नहीं, खासतौर से मेरी फिल्म को कंट्रोवर्सी से कभी भी फायदा नहीं हुआ है.

अक्सर रिलीज से पहले कंट्रोवर्सी हो जाती है और लोग धरना देने बैठ जाते हैं?
जी, अगर मैंने, आमिर, शाहरुख, अक्षय, रितिक या किसी ने कुछ भी बोला है और अगर आपको आपत्ति है तो पुलिस स्टेशन या कोर्ट जाइए, आप लोग सिनेमाघर के बाहर जाकर तोड़ फोड़ क्यों करते हैं, थियेटर के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा होना चाहिए और जो भी तोड़ फोड़ करे उसे 6 महीने के लिए तुरंत अंदर कर देना चाहिए. अक्सर छुटभैया टाइप के लोग अपने बॉस को इम्प्रेस करने के लिए हंगामा मचाते हैं, अगर ये 6 महीने के लिए अंदर जाएं तो ऐसी हरकत दोबारा नहीं करेंगे.

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