Advertisement

आदिवासियों की जमीन गैरआदिवासियों को लीज पर देने की छूट से खलबली

छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की जमीन अब गैर-आदिवासी भी लीज पर ले सकेंगे. इसके लिए राज्य की बीजेपी सरकार ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के तहत छूट दे दी है. भू राजस्व संहिता में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को अंतरित नहीं किये जाने का प्रावधान है.

सरकार के फैसले पर विपक्ष का हमला सरकार के फैसले पर विपक्ष का हमला
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 05 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST

छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की जमीन अब गैर-आदिवासी भी लीज पर ले सकेंगे. इसके लिए राज्य की बीजेपी सरकार ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के तहत छूट दे दी है. भू राजस्व संहिता में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को अंतरित नहीं किये जाने का प्रावधान है.

इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. मामले के गर्माने के बाद सरकार ने दलील दी है कि आदिवासियों की जमीन गैर-आदिवासियों को लीज पर दिए जाने की छूट मिलने से आदिवासी इलाको में उद्योगों की स्थापना के लिए आसानी होगी. इन इलाकों का विकास होगा क्योंकि उद्योगपतियों को आदिवासियों की जमीन लीज पर मिलने से उसके उपयोग करने की अनुमति मिल जाएगी.

Advertisement

यह है प्रावधान-
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा (1) के प्रावधान जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पट्टे की अपनी भूमि किसी भी दूसरे व्यक्ति को कभी भी पट्टे पर अंतरित कर सकता है. वहीं भू- राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के तहत आदिवासी जमीन को गैर-आदिवासी नहीं खरीद सकते.

इस मामले में राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधक सचिव के आर पिस्दा का कहना है कि छत्त्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के तहत आदिवासियों की जमीन कोई भी गैर आदिवासी व्यक्ति बिना अनुमति के नहीं खरीद सकता है. साथ ही कानून में ही जमीन पट्टे पर दिए जाने की छूट दी गई है.

उधर इस मामले को लेकर राजनीति गरमा गई है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे आदिवासियों के साथ धोखा करार दिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का आरोप है कि बीजेपी उद्योगपतियों से मिलकर आदिवासियों को जमीन हड़पना चाहती है. इसके लिए वो संविधान के नियमों के साथ छेड़छाड़ करने में भी नहीं चूक रही है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने सरकार से अपनी मंशा स्पष्ट करने की मांग की है. उनका आरोप है कि राज्य में आदिवासियों की जमीन छिनने का खेल चल रहा है.

Advertisement

आदिवासी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के मुताबिक संवैधानिक प्रावधानों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है, लेकिन छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार अपने लोगो को गैर क़ानूनी ढंग से फायदा पहुचाने के लिए संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement