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दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस से सटे हुए गोल मार्केट की तस्वीर अब जल्द ही बदल जाएगी. एनडीएमसी ने आखिरकार गोल मार्केट को 'नई दिल्ली म्यूज़ियम' में बदलने का खाका तैयार कर लिया है. 'नई दिल्ली म्यूज़ियम' का ले-आउट भी एनडीएमसी ने सार्वजनिक कर दिया है. इतना ही नहीं एनडीएमसी चैयरमेन नरेश कुमार के मुताबिक गोल मार्केट को 'नई दिल्ली म्यूज़ियम' में तब्दील करने की समयसीमा सितंबर 2018 है. एनडीएमसी की कोशिश होगी कि बेज़ान पड़े गोल मार्केट को तय वक़्त में नई रंगत के साथ तैयार किया जा सके.
कैसा होगा 'नई दिल्ली म्यूज़ियम'
दिल्ली का मशबहूर गोल मार्केट फिलहाल खंडहर की तरह नजर आता है लेकिन जल्द ही इसे 'नई दिल्ली म्यूज़ियम' के नाम से जाना जाएगा. तब यह इमारत दिल्ली वालों को नहीं बल्कि देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को भी अपनी तरफ आकर्षित करेगा. 'नई दिल्ली म्यूज़ियम' में दिल्ली के 100 साल के इतिहास को जानने का मौका मिलेगा. म्यूज़ियम में ऐतिहासिक तस्वीरें, आज़ादी से पहले और बाद की महत्वपूर्ण जानकारियां, अलग-अलग रियासतों के नवाबों के गिफ्ट, लुटियंस जोन का डिज़ाइन और देश के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया जाएगा. इस म्यूज़ियम में लोगों को विचार-विमर्श करने, सेमिनार, वर्कशॉप अयोजित करने का भी मौका मिलेगा. म्यूज़ियम की तरफ लोगों को आकर्षित करने के लिए फूड कोर्ट भी बनाया जाएगा.
इतिहास भी है दिलचस्प
दिल्ली ही नहीं देश का इतिहास बताने के लिए 'नई दिल्ली म्यूज़ियम' में तब्दील हो रहे गोल मार्केट का इतिहास भी दिलचस्प है. जानकर बताते हैं कि अंग्रेज़ों ने जब दिल्ली को अपनी राजधानी के रूप में चुना, उसके बाद दिल्ली में लुटियंस जोन के अंतर्गत गोल मार्केट को डिज़ाइन किया गया था. ब्रिटिश नौकरशाहों और भारतीय सरकारी कर्मचारियों के लिए गोल मार्केट में मंडी बनाई, जिसमें सब्जी, अंडे और मछली की बिक्री होती थी. बाद में इस मार्केट में 20-22 दुकानें खोली गईं. पहली मंजिल पर एक इंस्टिट्यूट भी था. अब एक बार फिर इस ऐतिहासिक स्थल को म्यूजियम के रूप में तैयार करने की योजना पर अमल किया जा रहा है.
आपको बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान कनॉट प्लेस रेनोवेशन प्लान के साथ-साथ गोल मार्केट को भी म्यूज़ियम में बदलने की योजना थी. साल 2003 में इस ऐतिहासिक मार्केट को रेनोवेट कर म्यूजियम बनाने का प्लान मदन थपलियाल ने तैयार किया लेकिन दुकानदारों ने एनडीएमसी के इस फैसले के विरोध में कोर्ट में याचिका दायर कर दी, जिसके बाद मामला लटक गया था.
एनडीएमसी के स्मार्ट सिटी प्लान के अंर्तगत नई दिल्ली इलाके के सौंदर्यीकरण में गोल मार्केट का अब तक खंडहर बने रहना सबसे बड़ी चुनौती थी, लिहाज़ा अगर तय वक़्त में एनडीएमसी अपनी योजना पूरी कर लेती है तो फिर स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में एनडीएमसी पहले पायदान पर पहुंच सकता है.