
फ्रांस की राजधानी पेरिस में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के बदलते मौसम पर गहरी चिंता जताई. जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP21 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पर्यावरण को लेकर लक्ष्य तय करने की बात कही. पीएम ने कहा कि हमें वन क्षेत्र बढ़ाने होंगे. उन्होंने कहा कि हमें 2030 तक 30-35 फीसदी कार्बन उत्सर्जन घटाना होगा.
विकसीत देशों को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत बढ़ाने होंगे. उन्होंने कहा, 'हमें भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है. हमें क्लीन एनर्जी पर ध्यान देना होगा. वन क्षेत्र बढ़ाने होंगे.'
इससे पहले 121 देशों के सोलर नेशन एलायंस की लॉन्चिंग के मौके पर पीएम ने कहा कि प्रकृति और विकास में संतुलन जरूरी है और जलवायु परिवर्तन पर फौरन कार्रवाई करनी होगी. इस दौरान विकासशील देशों के लिए ज्यादा कार्बन स्पेस की मांग रखते हुए पीएम ने कहा कि दुनिया को कार्बन उत्सर्जन घटाना होगा.
एलायंस की महत्ता पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम सौर ऊर्जा को हर किसी की पहुंच तक लाना चाहते हैं. इसे ग्रिड से जोड़कर हम इसे विश्वसनीय, आसान और सस्ती ऊर्जा का साधन बनाना चाहते हैं. यह एलायंस इस ओर रसिर्च और इनोवेशन में सहयोग करेंगे.'
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा करेगा. अपनी मुलाकात में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के उस खुलेपन की भी सराहना की जिसके तहत उन्होंने बड़ी बेबाकी से मोदी के साथ मुद्दों को साझा किया. मोदी ने कहा कि इससे बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी.
ओबामा के साथ ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा, 'भारत से जो उम्मीदें की जाती हैं और उस पर जो जिम्मेदारियां हैं, वह उन्हें पूरा करेगा. देश विकास और पर्यावरण (सुरक्षा) दोनों को साथ लेकर चलने पर काम कर रहा है.' प्रधानमंत्री ने 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री मोदी की ये टिप्पणियां इस पृष्ठभूमि में आई हैं, जिसमें भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी कि जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत एक चुनौती होगा. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन टिप्पणियों को अवांछित बताया था. मोदी-ओबामा की मुलाकात के दौरान जावड़ेकर और कैरी भी अन्य वरिष्ठ मंत्रियों व अधिकारियों के साथ मौजूद थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने सोलर एलायंस का जिक्र करते हुए कहा कि यह उन सपनों को पूरा करने में मदद करेगा जिनके लिए देश यहां एकत्र हुए हैं. ओबामा के साथ मुलाकात से पूर्व मोदी ने कहा था कि धरती के बढ़ते तापमान को रोकने के लिए एक समग्र, समान और ठोस समझौता तैयार करने की तत्काल जरूरत है.
'दोस्त और साझीदार से मुलाकात'
राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि भारत को गरीबी उन्मूलन, विकास की प्राथमिकता तय करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ ही अपने कार्बन डाइऑक्साइड प्रदूषण पर भी अवश्य नियंत्रण पाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच गहरे सहयोग के लिए जलवायु परिवर्तन भी प्रमुख क्षेत्रों में शामिल है. ओबामा ने इस बात को भी रेखांकित किया कि अपने 'दोस्त और साझीदार' से मुलाकात होना खुशी की बात है.
ओबामा ने कहा, 'हम इस बात से सहमत हैं कि जलवायु परिवर्तन एक आसन्न खतरा है. हम इस मुद्दे पर भारत के नेतृत्व का स्वागत करते हैं.' उन्होंने कहा कि पेरिस बैठक में इस संभावना को संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए कि भारत जैसे देश गरीबी के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रख सकें. उन्होंने साफ शब्दों में यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सभी पक्षों की ओर से गंभीर प्रतिबद्धता बेहद जरूरी है.