Advertisement

ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों को पकड़ने के लिए छिप जाते हैं पुलिसकर्मी: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यातायात पुलिस कॉन्स्टेबल अपना टारगेट पूरा करने के मकसद से लोगों को पकड़ने के लिए केवल पेड़ों के पीछे छिपने पर ध्यान दे रहे हैं. अदालत ने कहा कि शहर में ट्रैफिक मैनेजमेंट पूरी तरह नाकाम है.

ऐसी चौकसी कम ही देखने को मिलती है ऐसी चौकसी कम ही देखने को मिलती है
अमरेश सौरभ
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यातायात पुलिस कॉन्स्टेबल अपना टारगेट पूरा करने के मकसद से लोगों को पकड़ने के लिए केवल पेड़ों के पीछे छिपने पर ध्यान दे रहे हैं. अदालत ने कहा कि शहर में ट्रैफिक मैनेजमेंट पूरी तरह नाकाम है.

अदालत ने कहा, ‘दुनिया के दूसरे शहरों में लोगों को नियमों के उल्लंघन से रोकने के लिए पुलिस अधिकारी सड़क के बीच में खड़े होते हैं. लेकिन दिल्ली में यातायात पुलिस कॉन्स्टेबल टारगेट हासिल करने के लिए पेड़ों के पीछे छिप जाते हैं.’

Advertisement

पीठ ने कहा, ‘यातायात प्रबंधन पूरी तरह नाकाम है. यातायात उल्लंघन पर ध्यान नहीं जाता. यातायात पुलिसकर्मी उल्लंघन क्यों बर्दाश्त करते हैं? लोगों को गलत ओर से गाड़ी चलाने की मंजूरी क्यों मिल जाती है?’

अदालत ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) को सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उल्लंघनों के लिए मामले दर्ज किया जाए और तत्काल कार्रवाई की जाए, ताकि भीड़भाड़ वाले इलाकों में यातायात सुचारू रूप से चले.’ अदालत ने ट्रैफिक पुलिस को यह तय करने के लिए कहा कि यातायात उल्लंघनों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाए.’

अदालत ने कहा कि इन उपायों से शहर में वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी और यह दिल्ली के लोगों की सुरक्षा की दिशा में एक कदम होगा.

निर्देशों का पालन करने का एक और मौका
अदालत ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने शहर और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कार्रवाई योजनाएं सौंपने के उसके पूर्व के आदेशों का पालन नहीं किया है. इसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख तीन दिसंबर से पहले उन निर्देशों का पालन करने के लिए उन्हें एक और मौका दिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement