
केंद्र सरकार को आर्थिक मोर्चे पर सितंबर में भी झटका लगा है. आठ कोर सेक्टर की उत्पादन में 5.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में से 7 के उत्पादन में गिरावट आई है. सबसे ज्यादा कोल माइनिंग में गिरावट दर्ज की गई है. यह पिछले 14 साल में कोर सेक्टर के उद्योगों का सबसे खराब प्रदर्शन है.
गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर, 2018 में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 4.3 प्रतिशत बढ़ा था. इस साल सितंबर 2019 में यह सूचकांक 120.6 पर पहुंच गया है, जो कि सितंबर 2018 की तुलना में 5.2 फीसदी कम है.
उत्पादन घटने से ग्रोथ पर असर
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट, इस्पात और बिजली क्षेत्र का उत्पादन घट गया. जबकि इस दौरान उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन 5.4 फीसदी बढ़ा. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की अवधि में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 1.3 फीसदी रह गई. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.5 फीसदी रही थी.
इससे पहले अगस्त महीने में 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. दरअसल, तमाम कोशिशों के बावजूद उद्योगों की वृद्धि दर में रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है.
आठ प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं. इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसद हिस्सेदारी होती है.