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भारत की एक और कंपनी ने किया कोरोना का टीका बनाने का ऐलान, शेयर 20 फीसदी उछले

अहमदाबाद की दवा कंपनी हेस्टर बायोसाइंसेज ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IITG) के साथ मिलकर COVID-19 का टीका विकसित करेगी. इसके पहले पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ने दावा किया था कि वह सितंबर-अक्टूबर तक कोरोना का टीका लेकर आएगी. हेस्टर बायोसाइंसेज के इस ऐलान के बाद बुधवार को उसके शेयर 20 फीसदी उछल गए.

कोरोना का टीका बनाने का प्रयास तेज कोरोना का टीका बनाने का प्रयास तेज
aajtak.in
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  • 29 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST

  • हेस्टर बायोसाइंसेज बनाएगी कोरोना का टीका
  • इस ऐलान के बाद कंपनी के शेयर उछल गए

कोरोना से मुकाबले के लिए अब टीका बनाने का प्रयास युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट के बाद अब हेस्टर बायोसाइंसेज ने भी कोरोना का टीका बनाने का ऐलान किया है. कंपनी के इस ऐलान के बाद बुधवार को उसके शेयर 20 फीसदी उछल गए.

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अहमदाबाद की दवा कंपनी हेस्टर बायोसाइंसेज ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IITG) के साथ मिलकर COVID-19 का टीका विकसित करेगी.

गौरतलब है कि इसके पहले पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ने दावा किया था कि वह सितंबर-अक्टूबर तक कोरोना का टीका लेकर आएगी जिसकी कीमत करीब 1000 रुपये होगी.

इसे भी पढ़ें: सितंबर तक मिलने लगेगा भारत में बना टीका, सिर्फ 1000 रुपये होगी कीमत:

हेस्टर ने ऐलान किया कि उसने आईआईटी के साथ 15 अप्रैल 2020 को ही एक समझौता किया है. कंपनी ने कहा है कि यह टीका पुनः संयोजक एवियन पैरामाइक्सोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा.

क्या कहा कंपनी ने

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हेस्टर बायोसाइंसेस के सीईओ और एमडी आर गांधी ने कहा, "आईआईटी गुवाहाटी और हेस्टर दोनों मिलकर कोविड​​-19 को खत्म करने के लिए एक वैक्सीन को विकसित करने और इसे बनाने में एक दूसरे को सहयोग करेंगे. हेस्टर की भागीदारी मास्टर सीड के विकास से लेकर कॉमर्शियल रूप में वैक्सीन जारी करने तक होगी.

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उछल गए शेयर

इस ऐलान के बाद बुधवार को शेयर बाजार में हेस्टर बायोसाइंसेज के शेयरों में जबरदस्त उछाल आया और इसमें 20 फीसदी का अपर सर्किट लगाना पड़ा. बीएसई पर इसके शेयरों का कारोबार 1,366 रुपये पर बंद हुआ. अहमदाबाद की इस दवा कंपनी के शेयर एक महीने में करीब 35 फीसदी चढ़ चुके हैं.

किस तरह का होगा टीका

बयान के मुताबिक रीकॉम्बिनेंट एवियन पैरामिक्सोवायरस-1 का उपयोग 'सार्स-कोव-2 के एक इम्यूनॉजिक (शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को जगाने वाले) प्रोटीन के तौर पर किया जाएगा. बाद में इसका उपयोग आगे के अध्ययन के लिए किया जा सकता है.

इस टीके की क्षमता के बारे में आईआईटी गुवाहाटी के जैवशास्त्र और जैवप्रौद्योगिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर सचिन कुमार ने कहा कि इस पर कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. वह रिसर्च टीम के प्रमुख होंगे.

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यह कंपनी भी बना रही टीका

गौरतलब है कि इसके पहले भारत में कोरोना का टीका तैयार करने में लगे पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अडर पूनावाला ने कहा था कि यदि ट्रायल सफल रहा तो यह टीका इसी साल सितंबर या अक्टूबर तक आ सकता है और 1000 रुपये में मिल सकता है.

हमारे सहयोगी प्रकाशन बिजनेस टुडे को दिए एक खास इंटरव्यू में पूनावाला ने कहा कि वह जोखिम लेते हुए कोरोना के टीके के एडवांस परीक्षण से पहले ही इसके उत्पादन की कोशिश करेंगे और यह तैयार हो गया तो इसकी कीमत प्रति टीका 1,000 रुपये की होगी.

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उन्होंने कहा कि अगले महीने के अंत से ही इसका उत्पादन शुरू हो सकता है और परीक्षण सफल रहा तो सितंबर-अक्टूबर तक इसे बाजार में उपलब्ध करा दिया जाएगा.

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