
उत्तर प्रदेश में मॉल खोलने को लेकर व्यापार मंडल और मॉल मालिकों के बीच तकरार की बात सामने आ रही है. सोमवार को ज्यादातर मॉल के भीतर की कई दुकानें नहीं खुलीं, क्योंकि व्यापार मंडल ने मॉल के भीतर दुकानदारों के लॉकडाउन के दौरान किराया माफी की मांग उठाई है. इसके साथ ही अगले एक साल के लिए प्रशासन से आर्थिक पैकेज देने की भी मांग की है.
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने आज से देश भर के शॉपिंग मॉल को खोलने की अनुमति दी है, लेकिन राजधानी लखनऊ के व्यापारियों ने यह तय किया है कि वह शॉपिंग मॉल के अंदर अपनी दुकानों को नहीं खोलेंगे.
उन्होंने बताया कि लखनऊ के साथ-साथ प्रयागराज, कानपुर, नोएडा, गोरखपुर, बरेली इत्यादि शहरों के व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी हैं. व्यापारियों की मांग है कि लॉकडाउन अवधि का किराया और दुकान का मेंटेनेंस चार्ज पूरी तरह से माफ किया जाए. इसके अलावा अगले 12 महीनों के लिए किराया और मेंटेनेंस शुल्क में कमी की जाए. क्योंकि इस समय व्यापारियों का व्यापार पूरी तरीके से चौपट है. ऐसे में व्यापारियों के लिए भारी भरकम किराया दे पाना बहुत ही मुश्किल है.
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संजय गुप्ता ने कहा, हम लोग यह महसूस कर रहे हैं कि आगे आने वाले छह से आठ महीने तक संक्रमण के चलते ग्राहक अभी मॉल्स में कम दिखाई देंगे. ऐसे में पूरा व्यापार घाटे में जाएगा. अगर व्यापारी मॉल के अंदर स्थित अपनी दुकानों को छोड़ते हैं तो समस्या यह आएगी कि लाखों रुपए का इंटीरियर, फर्नीचर, डेकोरेशन जो लाखों रुपये का लगा हुआ है वह सब बेकार हो जाएगा.
ऐसी स्थिति में व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट है और व्यापारी सड़क पर आ जाएंगे. इसलिए हमारी मांग है कि जो अभी लॉक डाउन था, उसका पूरा किराया माफ किया जाए और अभी से एक साल तक के किराए में कमी की जाए. जिससे कि व्यापारियों को राहत मिल सके.
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संजय गुप्ता ने बताया कि इन्हीं मांगों की वजह से सोमवार को लखनऊ में सहारागंज, फिनिक्स, फन और अनेक शॉपिंग मॉल की कई दुकानें बंद रहीं.