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कोरोना: एम्स दिल्ली में बदले शव, हिंदू-मुस्लिम परिवारों में महिला मृतकों की अदला-बदली

एम्स ट्रामा सेंटर में कोरोना संक्रमित दो महिलाओं की मौत के बाद उनके शव को लापरवाही से अलग-अलग परिवारों को दे दिया गया. इसकी शिकायत भी दिल्ली पुलिस को दी गई है.

सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

  • देश में बढ़ रहा कोरोना वायरस का कहर
  • एम्स दिल्ली में सामने आई बड़ी लापरवाही

देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच देश की राजधानी दिल्ली के एम्स में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. एम्स में कोरोना संक्रमित दो महिलाओं की मौत के बाद उनका शव अलग-अलग परिवारों को दिए जाने का मामला सामने आया है.

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दरअसल, एम्स ट्रामा सेंटर में कोरोना संक्रमित दो महिलाओं की मौत के बाद उनके शव को लापरवाही से अलग-अलग परिवारों को दे दिया गया. दो अलग-अलग समुदाय की मृतक महिलाओं के शव को लापरवाही से गलत परिवार को सौंपे जाने की शिकायत भी दिल्ली पुलिस को दी गई है.

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मामले में एक महिला मुस्लिम समुदाय की थी, उसके शव को हिंदू समुदाय के परिजनों को दे दिया गया. वहीं हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया. दूसरी तरफ पीड़ित मुस्लिम परिवार ने हिंदू महिला के शव को अस्पताल को वापस कर दिया. इतनी बड़ी लापरवाही की शिकायत मृतक महिला के परिवार की ओर से दिल्ली पुलिस को दी गई है. वहीं एम्स प्रशासन इस गलती को मानते हुए अपने सिस्टम को सुधारने की बात कर रहा है.

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जानकारी के मुताबिक अंजुम नाम की महिला उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली थी. 4 जुलाई को इसके परिजन एम्स ट्रामा सेंटर में इन्हें एडमिट करने आए थे. टेस्टिंग के बाद पता लगा कि इस महिला को कोरोना संक्रमण है. जिसके बाद इलाज के दौरान 6 जुलाई को महिला की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन की तरफ से परिजनों को इस बात की सूचना दी गई तो परिवार में मौत की खबर सुनने के बाद मातम पसर गया.

शव को बदला

परिवार दिल्ली के एक कब्रिस्तान में शव को दफनाने की तैयारी कर रहा था. एम्स ट्रामा सेंटर से जब शव पहुंचा और परिजनों ने उसका चेहरा देखा तो उन्हें पता लगा कि शव को दूसरी महिला के शव के साथ बदल दिया गया है. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी दी. अस्पताल प्रशासन की जांच में पता लगा कि मुस्लिम परिवार की अंजुम के शव को किसी हिंदू परिवार को लापरवाही के तहत दे दिया गया है और हिंदू परिवार अंजुम के शव का अंतिम संस्कार कर चुका है.

घटना की जानकारी मिलने के बाद मुस्लिम परिवार पर दुखों का जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा. जिस महिला की मौत हुई है, 6 महीने पहले उनके शौहर का भी इंतकाल हो गया था. उनके तीन छोटे बच्चे हैं. अस्पताल के इस लापरवाही के बाद मासूम बच्चों को अपनी मां का आखरी वक्त पर चेहरा भी देखने को नसीब नहीं हुआ.

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परिजनों को धमकाया

इस लापरवाही को लेकर परिवार ने आरोप लगाया है कि जब इस बात को लेकर एम्स प्रशासन से बात करनी चाही तो वहां के सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसर के जरिए परिजनों को धमकाया गया. जिसके बाद परिवार ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में एम्स प्रशासन के जरिए की गई लापरवाही का जिक्र है.

वहीं जब एम्स प्रशासन के लोगों से इस बारे में बात की तो उन्होंने इस पर सफाई देना शुरू कर दिया. साथ ही इसे महज एक सिस्टम की गलती मानकर सुधारने की बात कही है. हालांकि किसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, इसका कोई आश्वासन किसी ने नहीं दिया.

(इनपुट- अमरदीप कुमार)

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