Advertisement

जावेद अख्तर ने किया मस्जिदों को बंद करने की मांग का समर्थन, कही ये बात

ताहिर महमूद जो कि एक स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा है कि दारूल उलूम देवबंद कोरोना काल खत्म होने तक के लिए मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करे. इस मांग का जावेद अख्तर ने सपोर्ट किया है.

जावेद अख्तर जावेद अख्तर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के साथ लड़ाई में पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है. सारी दुनिया इस खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. ऐसे में जब दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीग-ए-जमात के 2000 से ज्यादा लोगों के एक जलसे में शामिल होने की खबरें सामने आईं तो प्रसाशन के होश उड़ गए. इस जलसे में शामिल होने वाले लोगों में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान से आए लोग शामिल हैं.

Advertisement

अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने दारूल उलूम देवबंद से कहा है कि जब तक कोरोना का संकट खत्म नहीं होता है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें. ताहिर के इस बयान के कुछ ही वक्त बाद दिग्गज स्क्रिप्ट और लिरिक्स राइटर जावेद अख्तर का इस पर बयान आ गया है.

जावेद ने ट्वीट कर कहा- ताहिर महमूद साहेब जो कि एक स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा है कि दारूल उलूम देवबंद कोरोना काल खत्म होने तक के लिए मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करे. जावेद ने कहा- मैं पूरी तरह से उनकी इस मांग का समर्थन करता हूं. अगर काबा और मदीना की मस्जिद बंद की जा सकती है तो भारत की मस्जिदों को क्यों बंद नहीं किया जा सकता?

Advertisement
सलमान के कजिन भाई का निधन, एक्टर ने इमोशनल पोस्ट के जरिए जताया दुख

रामायण-महाभारत के बाद टेलिकास्ट होगा बच्चों का चहेता शो शक्तिमान

ये है पब्लिक का रिएक्शन

जावेद के इस ट्वीट की एक ओर काफी सराहना की जा रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अलग दृष्टिकोण से इसे देख रहे हैं. एक यूजर ने लिखा- हमें मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवे की जरूरत क्यों है? क्या भारत सरकार द्वारा किया गया अनुरोध और आदेश इसके लिए काफी नहीं था. एक अन्य यूजर ने लिखा- क्या इस पढ़े लिखे समाज के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देश काफी नहीं हैं. या कुछ लोग ऐसे हैं जो सिर्फ धार्मिक नेताओं और शरिया की ही बातें सुनते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement