
कोरोना वायरस का संकट भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अब सबसे बड़ी चुनौती मेडिकल के क्षेत्र में सामने आ रही है. इन्हीं चुनौतियों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि किसी भी कीमत पर मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा नहीं आनी चाहिए.
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि लॉकडाउन के दौरान मेडिकल मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी सभी कंपनियों को काम करने की छूट दी गई है. ऐसे में कहीं से भी आने-जाने वाले मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई को नहीं रोका जाना चाहिए, क्योंकि इस वक्त इसकी सख्त जरूरत है.
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इसके तहत इन जगहों पर काम करने वाले वर्कर, इस्तेमाल किए जाने वाली ट्रांसपोर्ट सुविधा को लॉकडाउन के दौरान नहीं रोका जाएगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के द्वारा कोरोना वायरस को देखते हुए जो देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था, उसमें मेडिकल इंडस्ट्री समेत अन्य जरूरत के क्षेत्रों के लोगों को छूट मिली थी. साथ ही बाजारों में भी मेडिकल स्टोर, सब्जी और दूध की दुकान खुलने की इजाजत थी.
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राजस्थान सरकार ने भी लिया बड़ा फैसला
राजस्थान की सरकार ने कंपनियों से जो अधिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवाई ली थी, उन्हें लौटाने का फैसला लिया है. सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि इस दवाई की बाजार में कमी है और जरूरत पड़ने पर कंपनियां इन्हें अन्य राज्यों या मेडिकल संस्थाओं को दे सकती हैं.
राज्य में बढ़ती कोरोना वायरस की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने कंपनियों से इस दवाई का अधिग्रहण किया था.
गौरतलब है कि पिछले एक हफ्ते में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस के केस में उछाल देखने को मिला है. जिसके बाद पीपीई, वेंटिलेटर समेत अन्य मेडिकल उपकरणों और सुविधाओं की जरूरत बढ़ गई है.