
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में बिकवाली का माहौल है. बीते 6 कारोबारी दिन में भारतीय शेयर बाजार के सेंसेक्स में 2500 अंकों की गिरावट आई है तो वहीं निफ्टी भी 400 अंक तक लुढ़क गया है. ऐसे ही हालात कमोबेश एशिया के हर बड़े शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है. इस प्रभाव से अमेरिकी शेयर बाजार भी अछूता नहीं है.
अमेरिकी बाजार में 2008 जैसे हालात
अमेरिका के शेयर सूचकांक एसएंडपी 500 में गुरुवार को 4.4 फीसदी की गिरावट रही. यह इसकी 2011 के बाद की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है. वहीं अमेरिकी शेयर बाजार का एक अन्य सूचकांक डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी करीब 12 सौ अंक गिरकर बंद हुआ. इन दोनों सूचकांकों में यह सप्ताह 2008 के आर्थिक संकट के दौरान अक्टूबर के बाद का सबसे बुरा होने जा रहा है.
ट्रंप बता रहे विपक्ष को दोषी
अमेरिकी शेयर बाजार के बिगड़ते हालात के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विपक्ष की डेमोक्रेटिक पार्टी को दोषी बताया है. बीते बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि देश का वित्तीय बाजार डेमोक्रेट उम्मीदवारों की बातों से परेशान है." दरअसल, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर प्रेसिडेंशियल डिबेट की शुरुआत हो चुकी है. इसके पहले चरण में डेमोक्रेटिक पार्टी का पलड़ा भारी दिख रहा है. वहीं विपक्ष शेयर बाजार में गिरावट की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति को घेर रहा है.
क्या है गिरावट की असल वजह?
- जानकारों की मानें तो अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह कोरोना वायरस को माना जा रहा है. स्थानीय मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स की पहचान हुई है, जो देश में पहला मामला है. ऐसे में निवेशकों के बीच एक डर का माहौल है.
- बीते एक साल से चल रहे यूएस-चीन ट्रेड वॉर में नरमी आने के बाद निवेशकों की उम्मीद बढ़ गई थी. लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के कारण चीन की इंडस्ट्री तबाह हो गई है. चीन से आपूर्ति बाधित होने के कारण अमेरिकी बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
- अमेरिका में अर्थशास्त्री अब 2008 की मंदी जैसे हालात का जिक्र कर रहे हैं. देश के अलग-अलग अर्थशास्त्रियों ने वर्तमान माहौल को मंदी से तुलना करना शुरू कर दिया है. वहीं अमेरिका की विपक्ष डेमोक्रेटिक पार्टी भी आर्थिक हालात को लेकर मुखर हो गई है.