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लॉकडाउन का असर देश की इकोनॉमी पर, 9 लाख करोड़ का हो सकता है नुकसान

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर (करीब नौ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है.

21 दिनों के लॉकडाउन का हुआ है ऐलान 21 दिनों के लॉकडाउन का हुआ है ऐलान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

  • इकोनॉमी को 120 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है
  • नुकसान भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 4% के बराबर

देश की इकोनॉमी बुरे दौर से गुजर रही है. इस बीच, देश में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. इस लॉकडाउन की वजह से इकोनॉमी को 120 अरब डॉलर (करीब नौ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है. यह हिसाब बार्कलेज बैंक ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में लगाया है. नुकसान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार प्रतिशत के बराबर है.

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बार्कलेज ने क्या कहा?

बार्कलेज ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि राष्ट्रव्यापी बंदी की कीमत करीब 120 अरब डॉलर यानी जीडीपी के चार प्रतिशत के बराबर रह सकती है.’’ कंपनी ने कहा कि केंद्र सरकार की तीन सप्ताह की बंदी से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा. इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र जैसे कई राज्य पहले ही बंदी कर चुके हैं, उससे भी नुकसान होगा. इसके साथ ही बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वृद्धि दर के अनुमान में 1.7 प्रतिशत की कटौती कर दिया है.

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बार्कलेज ने यह भी कहा कि अप्रैल में रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.65 प्रतिशत की कटौती करेगा और अगले एक साल में इसमें एक और प्रतिशत की कटौती की जाएगी. बता दें कि रिजर्व बैंक तीन अप्रैल को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा करने वाला है.

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असंगठित क्षेत्र पर असर

रिसर्च एंड एडवाइजरी कंपनी एमके के मुताबिक लॉकडाउन होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने के लिये उपाय नहीं किये गये हैं. उसने कहा, ‘‘सरकार बंदी के आर्थिक असर को लेकर अभी तक चुप ही रही है, असर को कम करने के उपायों को तो छोड़ ही दीजिए.’’ कंपनी ने कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दोहरी मार झेलने वाले असंगठित क्षेत्र पर इसका सर्वाधिक असर होगा. उसने छोटी कंपनियों को सस्ता कर्ज देने, कर्ज का पुनर्गठन करने तथा नकदी हस्तांतरण को सरकार के पैकेज के संभावित उपाय बताया.

यूपी के बजट से भी अधिक का नुकसान

9 लाख करोड़ की रकम उत्तर प्रदेश के बजट से काफी अधिक है. बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया था. सरकार ने 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपये का बजट पेश किया है. यह यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है.

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