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उद्योगपतियों पर कितना कर्ज, सिर्फ 2 बैंकों ने ही दी जानकारी

आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक ने सभी सवालों के जवाब दिए हैं. इन दोनों बैंकों ने उद्योगपतियों को कर्ज के अलावा देश के बड़े बिजनेस समूहों को दिए गए लोन की भी जानकारी दी.

RTI से मिली जानकारी RTI से मिली जानकारी
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

शराब कारोबारी विजय माल्या और हीरा व्यापारी नीरव मोदी के खिलाफ बैंक फ्रॉड के बड़े मामले सामने आने के बाद पूरे देश का ध्यान बैंकों से कर्ज लेकर हजम कर जाने वाले उद्योगपतियों की तरफ गया है. ऐसे में आजतक के सहयोगी रिपोर्टर अशोक उपाध्याय और संतोष चौबे ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) नियम के तहत वित्त मंत्रालाय से देश के बड़े उद्योगपतियों पर कर्ज के बारे में जानकारी मांगी.

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आरटीआई पर अमल करते हुए मंत्रालय ने बैंकों से इस बारे में जानकारी इकट्ठा की. आरटीआई के सवालों के तहत प्राइवेट और सरकारी बैंकों से ऐसे लोन की जानकारी मांगी गई.

बैंकों से मिली जानकारी के मुताबिक, कॉर्पोरेट कंपनियों पर करीब 9.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. जो जून 2017 तक भारत में सभी बैंक लोन का 12.6 फीसदी है. हालांकि, ये आंकड़ा महज दो बैंकों का है. क्योंकि आरटीआई के तहत प्राइवेट बैंकों ने जानकारी साझा नहीं की है. साथ ही ज्यादातर सरकारी बैंकों ने भी ऐसा डाटा देने में असमर्थता जताई है.

आरटीआई में पूछे गए ये तीन सवाल

आरटीआई में मुख्य रूप से तीन सवाल किए गए. इनमें पहला सवाल ये पूछा गया कि सरकारी बैंकों ने उद्योगपतियों को कितना कर्ज दिया? दूसरा सवाल ये पूछा गया कि प्राइवेट बैंकों ने इन उद्योगपतियों को कितना लोन दिया? जबकि तीसरे सवाल में विशेष रूप से रिलायंस ग्रुप, अडानी ग्रुप, जीवेके ग्रुप, जीएमआर ग्रुप और जेपी ग्रुप को दिए गए लोन के बारे में जानकारी मांगी गई.

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ये मिला जवाब

जवाब में ये बात सामने आई कि सरकारी बैंकों में से कुछ ने लोन की जानकारी नहीं दी और ऐसे रिकॉर्ड न होने का हवाला दिया. जबकि सभी प्राइवेट बैंकों ने ये कहते हुए जानकारी नहीं दी कि वो आरटीआई कानून के तहत ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं हैं. वहीं, जिन बैंकों ने लोन की जानकारी साझा भी की, उनमें से सिर्फ दो बैंकों ने विशेष कंपनियों या समूहों के बारे में सूचना उपलब्ध कराई.

इन बैंकों ने दिया नियमों का हवाला

विशेष कंपनियों के बारे में जानकारी देने से मना करने वाले बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कॉर्पोरेशन बैंक, इंडियन बैंक, कैनरा बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और सिंडिकेट बैंक शामिल हैं. बैंकों ने जानकारी न देने के पीछे आरटीआई कानून के तहत कमर्शियल गोपनीयता का हवाला दिया.

दो बैंकों ने दी पूरी जानकारी

आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक ने हर सवाल का जवाब दिया. इन दोनों बैंकों ने कर्ज के अलावा देश के बड़े बिजनेस समूहों को दिए गए कर्ज की भी जानकारी दी. आंध्रा बैंक ने 31 दिसंबर 2017 तक की जानकारी देते हुए बताया कि अलग-अलग उद्योगपतियों पर उसका 56,098.33 करोड़ का कर्ज है. हालांकि, इलाहाबाद बैंक ने कुछ ग्रुप की ही जानकारी दी.

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किसे कितना कर्ज? (31 दिसंबर 2017 तक)

रिलायंस ग्रुप

आंध्रा बैंक ने रिलायंस के मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी ग्रुप के अलग-अलग आंकड़े बताए. बैंक ने बताया कि अनिल अंबानी ग्रुप पर उसका 1708 करोड़ और मुकेश अंबानी ग्रुप पर 1538 करोड़ रुपये का कर्ज है.

अडानी ग्रुप

गुजरात के मशहूर कारोबारी गौतम अडानी के ग्रुप पर आंध्रा बैंक का कुल 569 करोड़ रुपये का कर्ज है. जबकि इलाहाबाद बैंक का ग्रुप पर 875 करोड़ रुपये का लोन है.

जीवीके ग्रुप

जीवीके ग्रुप पर आंध्रा बैंक का 173.04 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. इलाहाबाद बैंक ने इस ग्रुप के बारे में जानकारी नहीं दी है.

जीएमआर ग्रुप

इस ग्रुप पर आंध्रा बैंक का 1188.59 करोड़ रुपये का लोन बकाया है. जबकि इलाहाबाद बैंक का 307.09 करोड़ रुपये है.

जेपी ग्रुप

जेपी ग्रुप पर आंध्रा बैंक का 603.66 करोड़ बकाया है. जबकि इलाहाबाद बैंक का 252.76 करोड़ रुपया बकाया है.

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