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एक और लिंचिंग: अलवर में गो तस्करी के आरोप में शख्स की पीट-पीटकर हत्या

मृतक का नाम अकबर खान और वह हरियाणा के कोलगांव का रहने वाला है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
शरत कुमार/देवांग दुबे गौतम
  • अलवर,
  • 21 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

राजस्थान के अलवर में गो तस्करी  के आरोप में एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव की है. मृतक का नाम अकबर खान है और वह हरियाणा के कोलगांव का रहने वाला है. जानकारी के मुताबिक मृतक दो गायों को लेकर जा रहा था.

पुलिस ने शव को शवगृह में रखवा दिया है. वहीं इस मामले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से पीट-पीटकर हत्या करने के कई मामले सामने आए हैं.

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हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आर्टिकल 21 के तहत गाय को जीवन का मौलिक अधिकार है और एक मुस्लिम को मार डाला जा सकता है, क्योंकि उनके पास जीवन का कोई मौलिक अधिकार नहीं है. मोदी शासन के चार साल - लिंच राज.

वहीं राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार कठोर कार्रवाई करेगी. हम पूरे मामले की जानकारी जुटा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी इस पूरे मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह अकेली घटना नहीं है,  यह घटनाएं क्यों होती है इसके पीछे हमें जाना होगा. हम गौरक्षा के नाम पर इस तरह की घटना की निंदा करते हैं, लेकिन हमें यह सोचना होगा इस तरह की घटनाएं क्यों होती है.

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बीजेपी राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मेघवाल ने कहा कि जैसे-जैसे प्रधानमंत्री मोदी पॉपुलर हो रहे हैं, इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. यह सब मोदी जी क्यों पॉपुलर हो रहे हैं इससे डरकर किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को कह दिया है कि इस तरह की किसी भी घटना पर कार्रवाई करें, लेकिन जैसे-जैसे 2019 का चुनाव नजदीक आ रहा है और नरेंद्र मोदी की पॉपुलैरिटी बढ़ती जा रही है सब घटनाएं सामने आ रही हैं.

बता दें भीड़ द्धारा हत्या किए जाने के मामले पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला भी सुनाया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोई भी अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता है. देश में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉब लिंचिंग की कड़ी निंदा की. उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की अपील की.

वहीं इसपर लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था. शुक्रवार को लोकसभा में बयान देते हुए राजनाथ ने कहा था कि देश में मॉब लिंचिंग की सबसे बड़ी घटना 1984 में हुई थी. इससे पहले उन्होंने कहा कि लिंचिंग की घटनाएं पहले भी होती रही हैं. इन घटनाओं पर कार्रवाई करने का काम राज्य सरकारों का है. उन्होंने कहा कि यह सच है कि देश में कई जगह लिंचिंग की घटनाएं होती रही हैं. जिसमें कई लोगों की जानें गई हैं. इस दौरान मारे वाले लोगों संख्या किसी भी सरकार के लिए चिंता का विषय है.

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SC ने राज्य सरकारों को दिया सख्त आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को सख्त आदेश दिया कि वो संविधान के मुताबिक काम करें. साथ ही राज्य सरकारों को लिंचिंग रोकने से संबंधित गाइडलाइंस को चार हफ्ते में लागू करने का आदेश दिया.

अदालत ने कहा कि सरकारें हिंसा की  इजाजत नहीं दे सकती हैं. लिहाजा इसको रोकने के लिए विधायिका कानून बनाए. बता दें कि गोरक्षा के नाम पर हो रही भीड़ की हिंसा पर रोक लगाने के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी.

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