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क्रेडाई का पीएम मोदी को खत- संकट में रियल एस्टेट सेक्टर, बचा लो सरकार

रियल एस्टेट को सेक्टर को आर्थिक पैकेज की घोषणाओं से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन उम्मीदें पूरी नहीं हुई. अब अपनी मांगों को लेकर बिल्डरों की संस्था क्रेडाई (CREDAI) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखा है.

संकट में रियल एस्टेट सेक्टर (Photo: File) संकट में रियल एस्टेट सेक्टर (Photo: File)
aajtak.in
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  • 25 मई 2020,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

  • क्रेडाई करीब 20 हजार डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करता है
  • खत में पीएम मोदी से तुरंत मदद की गुहार लगाई गई है

रियल एस्टेट सेक्टर को आर्थिक पैकेज की घोषणाओं से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन उम्मीदें पूरी नहीं हुई. अब अपनी मांगों को लेकर बिल्डरों की संस्था क्रेडाई (CREDAI) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखा है. खत में पीएम मोदी से रियल एस्टेट सेक्टर को तुरंत मदद की गुहार लगाई गई है.

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दरअसल क्रेडाई देशभर में करीब 20 हजार से ज्यादा डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करता है. इस संस्था का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर में से एक रियल एस्टेट है, और सरकार से पिछले दिनों बड़ी उम्मीद थी. लेकिन जो राहत दी गई है वो नाकाफी है. क्रेडाई की ओर नकदी उपलब्ध कराने समेत कई तरह मांगें रखी गई हैं.

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कोरोना की वजह से संकट में रियल एस्टेट

संस्था की मानें तो 52 मिलियन लोगों को इस सेक्टर से रोजगार मिलता है, लेकिन कोरोना की वजह से सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है. इसके बावजूद यह संस्था इस आपदा के वक्त सरकार के साथ मिलकर प्रभावित लोगों को भोजन वितरण समेत कई तरह की मदद कर रहा है. अब सरकारी की बारी है कि इस सेक्टर के बारे में गंभीरता से सोचे और जल्द राहत दे.

CREDAI का कहना है कि अब रियल एस्टेट के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में सरकार को तुरंत हमारी मदद करनी चाहिए. रियल्टी सेक्टर का जीडीपी में अहम योगदान है. साथ ही यह सेक्टर सीमेंट और स्टील समेत करीब 250 उद्योगों से जुड़े हैं. इसलिए जब इस सेक्टर को सरकारी राहत मिलेगी, तभी इससे जुड़े सेक्टर्स को भी बल मिलेगा.

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सरकार से तुरंत राहत की मांग

क्रेडाई का कहना है कि उसकी मांग केवल सेक्टर के लिए नहीं है, यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी जरूरी है. रियल एस्टेट सेक्टर को फिर से खड़ा करने में लिक्विडिटी संकट, डिमांड में गिरावट और कार्टिलाइजेशन जैसी शुरुआती दिक्कतें हैं. बिना सरकारी मदद से इसे दूर करना संभव नहीं है.

गौरतलब है कि आर्थिक पैकेज के ऐलान के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल्टी परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा 6 महीने बढ़ाने की घोषणा की. लेकिन क्रेडाई ने इसे नाकाफी बताते हुए पीएम से हस्तक्षेप की मांग की है. संस्था का कहना है कि पीएम मोदी उनकी मांगों पर जरूर गौर करेंगे.

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