Advertisement

अय्याशी लीग: क्रिकेटर, कॉलगर्ल और फिक्सिंग

मैच खत्म होने के बाद रात लगभग बारह बजे तक क्रिकेटर मैदान में होते और फिर जब वो मैदान से निकलते तो कमरे में लड़कियों के साथ होते. खरीद कर मंगाई गई लड़कियों के साथ. उन लड़कियों के साथ जिन्हें बुकी भेजा करते थे. क्या कीजिएगा.

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2013,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST

मैच खत्म होने के बाद रात लगभग बारह बजे तक क्रिकेटर मैदान में होते और फिर जब वो मैदान से निकलते तो कमरे में लड़कियों के साथ होते. खरीद कर मंगाई गई लड़कियों के साथ. उन लड़कियों के साथ जिन्हें बुकी भेजा करते थे. क्या कीजिएगा. जब दिन में खेला जाने वाला खेल नाइट गेम बन जाए तो फिर इस गेम के पीछे ऐसे-ऐसे गेम तो शुरू होंगे ही जिनकी कोई बाउंड्री ही ना हो. श्रीसंत और चंदेला सिर्फ पैसों के लिए नहीं बल्कि लड़कियों के लिए भी बिके थे.

Advertisement

अब जब मैदान में बल्ले और बॉल के साथ जलवे और अदाएं भी बिखेरी जाएंगी तो फिर क्रिकेटरों का मन तो भटकेगा ही. पर जिन क्रिकेटरों को लोग रोल मॉडल मानते हों, जिनकी लोग पूजा तक करते हैं अगर वो सड़क छाप मजनूं और प्लेब्वॉय जैसी करते करने लगें तो क्या होगा? जाहिर है वही होगा जो अब आईपीएल में हो रहा है. तमाशा, तमाशा और सिर्फ तमाशा.

मैच मैदान पर खेला जा रहा है. पर हंगामा मैदान के बाहर हो रहा है. मैदान के अंदर क्या हो रहा है इसके बारे में तो कोई बात ही नहीं कर रहा है. बात हो रही है तो बस मैदान के बाहर की. बेईमान खिलाड़ियों की. ओवर बेचने वाले गेंदेबाजों की. स्पॉट फिक्सिंग की. मैच खत्म होने के बाद खिलाड़ियों की रंगीन रातों की. हनी ट्रैप की. लड़कियों की.

Advertisement

अब जाहिर है जब मैदान के बाहर इतना हंगामा बर्पा होगा तो आईपीएल की सूरत और सीरत क्या नाम भी तो बदलेगा. लिहाजा लोगों ने आईपीएल के नए-नए नामकरण शुरू कर दिए हैं. इंडियन प्रीमियर लीग को अब कोई इंडियन पाप लीग बुला रहा हो तो कोई इंडियन पियक्कड़ लीग. इंडियन पैसा लीग तो खैर ये पहले से है ही.

याद नहीं आता कि क्रिकेट को लेकर इससे पहले कभी इस कदर छीछालेदर हुआ होगा. पर ऐसा क्यों है? क्यों मैदान से ज्यादा मैदान के बाहर की चर्चा हो रही है? क्यों खिलाड़ी मैच की बजाए मैदान के बाहर अपनी हरकतों के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं? क्यों क्रिकेटर रंगे हाथों पकड़े जा रहे हैं? क्यों किकेट पर काले धन का काला धब्बा लग रहा है?

एक साइट स्क्रीन के आगे कोई आ जाए तो खिलाड़ी के कनसनट्रेशन में खलल पड़ने लगता है. पर उसी खिलाड़ी के सामने दाएं-बाएं बाउंड्री के ठीक ऊपर तमाम चीयरगर्ल्स नाचती रहती हैं पर किसी खिलाड़ी का कनसनट्रेशन भंग नहीं होता. अब आप ही बताएं क्रिकेट के मैदान को तमाशा किसने बनाया? अरे भैया. मैदान में लोग क्रिकेट मैच देखने जाते हैं. जिन्हें डांस देखने का शौक है वो तो नौटंकी या डिस्कोथेक में भी अपने शौक पूरे कर सकते हैं. पर नहीं. भाई लोगों ने अच्छे-खैसे क्रिकेट का ग्लैमर के साथ कॉकटेल कर पूरा कबाड़ा कर दिया.

Advertisement

और उसी की बानगी हैं हमारे ये खिलाड़ी. जो इस ग्लैमर की चकाचौंध में पैसे से भी बिके और हुस्न से भी मारे गए. खेल का सौदा किया तो पैसे जेब में आए. साथ में इज्जत दांव पर लगाई तो लड़कियां पास आईं. पर ये पूरा खेल हुआ कैसे? श्रीसंत और अजित चांदेलिया को बुकी ने फंसाया कैसे? दोनों गिरफ्तारी के वक्त सुबह पांच बजे किन लड़कियों के साथ थे? उन लड़कियों को किसने दोनों के पास भेजा था? आज पूरा खुलासा आपके सामने होगा.

15 मई की रात जब राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस का मैच खत्म हो गया तब दिल्ली पुलिस का इरादा यही था कि वो देर रात श्रीसंत, चंदेला और अंकित को होटल इंटरकॉनटिनेंटल से जाकर गिरफ्तार करेगी. राजस्थान की टीम इसी होटल में ठहरी हुई थी. मगर बाद में पुलिस को पता चला कि अंकित तो होटल में सो रहा है पर श्रीसंत और चंदेला अपने कमरे में नहीं हैं. दरअसल दोनों बुकी की भेजी लड़कियों के साथ बाहर थे. और दोनों जब पकड़े गए तब भी लड़कियां उनके साथ थीं.

और अब आपको मिलवाते हैं उस क्रिकेटर से, जिसके पास बुकीज़ ने तीन बार लड़कियां भेजी थीं. जी हां ये खिलाड़ी आईपीएल का सबसे बड़ा फिक्सर है. नाम है अजीत चंदीला. राजस्थान रॉयल्स का स्पिनर. सटोरियों ने अजीत चंदीला को 40 लाख रुपए, के साथ अय्याशी का पैकेज दिया था. चंदेला को भी जब गिरफ्तार किया गया तब सुबह पांच बजे वो टीम होटल से बाहर लड़की के साथ ही मिला.

Advertisement

आइए अब आपको बताता हूं कि आखिर क्रिकेट में फिक्सिंग के लिए बुकी लड़कियों का इस्तेमाल क्यों करते हैं? दरअसल बेटिंग सिंडिकेट सबसे पहले ऐसे खिलाड़ियों को चुनता है जिनके बारे में उसे पता है कि वो बिक सकता है. इसके बाद पार्टी के नाम पर चुपचाप लड़कियों को उनके करीब भेज दिया जाता है. अब एक बार खिलाड़ी लड़कियों के झांसे में आया नहीं कि गया.

4 मिनट में 6 गेंद और 60 लाख. सिर्फ एक ओवर में किस्मत बदल लो. कमाई की ऐसी तेज रफ्तार भी अगर खिलाड़ियों को लुभा न पाए तो.. दूसरे हथकंडे भी थे सट्टोरियों के पास - लड़कियों की पेशकश .

तरीका बेहद शातिराना था. सट्टोरिये लड़कियों को क्रिकेटरों की पार्टियों में भेजा करते थे. ये लड़कियां खिलाड़ियों से दोस्ती बनाने की कोशिश करतीं. कामयाब होने पर लड़कियों के जरिए सट्टोरिये खिलाड़ियों तक पहुंच बनाते.

लड़कियां भेजने का फायदा ये होता कि खिलाड़ी सट्टोरियों के साथ खुल जाते. फिर न तो फिक्सिंग की पेशकश मुश्किल होती और ना ही इसके लिए उन्हें राजी करने का.

दिल्ली पुलिस का दावा है कि भारत से लड़कियों की सप्लाई का जिम्मा देश के अंदर बैठे बुकी का होता था, जबकि विदेशी लड़कियां दुबई के बुकी सप्लाई किया करते थे .

Advertisement

पुलिस सूत्रों के मुताबिक डील होने के बाद अमूमन लड़कियों को टीम होटल से अलग दूसरे होटलों में ठहराया जाता था. मगर कई बार ऐसा भी हुआ जब लड़कियां उसी होटल में भेजी गईं जहां खिलाड़ी ठहरे थे. 15 मई को मुंबई में राजस्थान रॉयल्स की टीम होटल इंटरकॉंटिनेंटल में ठहरी थी. लेकिन श्रीसंत और चंदेला दोनों सुबह पांच बजे तक होटल से बाहर थे. लड़कियों के साथ. जाहिर है दोनों के लिए बुकी ने अलग जगह इंतजाम किए थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement