
सिद्धू वाणी गुरुवार को जमकर गरजी. नवजोत सिंह सिद्धू के जुबानी गोलों से कोई नहीं बच सका. सिद्धू ने अपने राजनीतिक तरकश से तीर निकालने शुरू किए तो क्या केजरीवाल, क्या बादल परिवार, क्या बीजेपी और क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह, सभी एक के बाद एक निशाने पर आते रहे. सिद्धू ने भावी राजनीतिक रोडमैप को साफ करते हुए 'पंजाब, पंजाबियत और पंजाबी' का नारा भी दिया.
केजरीवाल के लिए कहा- 'नाम बड़े और दर्शन छोटे'
सिद्धू के खास निशाने पर रहे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल. सिद्धू के मुताबिक बीते डेढ़-दो साल से 'आप' के लोग ही उन्हें अपने साथ लेने के लिए डोरे डालने में जुटे थे. सिद्धू ने कहा, 'केजरीवाल जी ने मुझसे मुलाकात के बारे में ट्वीट किया, लेकिन उन्होंने आधा सच बताया. मैं पूरी बात बताता हूं. उन्होंने (केजरीवाल) मुझसे पंजाब चुनाव नहीं लड़ने को कहा. कहा, आप प्रचार कीजिए, अपनी पत्नी को लड़ाइए, जीतने पर उन्हें मंत्री बना दिया जाएगा.'
सिद्धू के मुताबिक इसके बाद उन्होंने 'आप' को 'सत श्री अकाल' कह दिया. सिद्धू ने 'आप' पर चुटीले अंदाज में तंज भी कसा. सिद्धू ने आप के लिए कहा- 'वे (AAP) भोली सूरत दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे.' उन्होंने आप के लिए के लिए एनॉर्की (अराजकता) शब्द का भी इस्तेमाल किया.
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राज्यसभा क्यों छोड़ी?
सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि केजरीवाल की वजह से उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया. सिद्धू ने राज्यसभा छोड़ने का कारण भी बताया. सिद्धू ने कहा कि बीजेपी की ओर से उन्हें बादल परिवार के लिए प्रचार करने को कहा गया था, जिसे उन्होंने मना कर दिया. सिद्धू ने साफ किया कि अपने विवेक से उन्होंने ये फैसला किया था, इसका केजरीवाल से कोई लेनादेना नहीं था. बता दें कि सिद्धू ने जुलाई में राज्यसभा से इस्तीफा दिया था. तभी से सिद्धू के भावी राजनीतिक कदम को लेकर कयास लगाए जाते रहे. सिद्धू ने अपने दिल के दर्द बयां करते कहा कि ”भारत में एक परंपरा रही है कि अच्छे लोगों को सजावट के सामान की तरह और सिर्फ प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है.'
बादल परिवार पर बरसे सिद्धू
पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल के कर्ताधर्ता बादल परिवार पर भी सिद्धू ने जमकर निशाना साधा. सिद्धू ने दुष्यंत की प्रसिद्ध कविता के अंदाज में कहा, 'काले बादल को चीर कर सूरज निकलना चाहिए. मौसम कैसा भी हो बदलना चाहिए.' सिद्धू ने पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के लिए 'दुशासन' शब्द का इस्तेमाल किया.
'बादल और कैप्टन, दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे'
कांग्रेस नेता कैप्टन अमरेंद्र सिंह के लिए सिद्धू ने कहा कि वो दिन में कुछ और शाम को कुछ बात करते हैं. सत्ताधारी अकाली दल और विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए सिद्धू ने कहा कि बादल और कैप्टन दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. अकाली और कांग्रेस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए सिद्धू ने कहा, 'नत्था सिंह एंड प्रेम सिंह, वन एंड सेम थिंग. ये सभी पार्टियां फ्रेंडली मैच खेलती हैं.'
'इंकलाबी आवाज है 'आवाज-ए-पंजाब'
सिद्धू ने इस मौके पर अपने राजनीतिक मोर्चे आवाज-ए-पंजाब का भी एलान किया. सिद्धू ने अपने मोर्चे को इंकलाबी आवाज बताते हुए कहा कि 15 दिन में इसका खाका साफ कर दिया जाएगा. सिद्धू ने कहा कि अमृतसर उनका घर है और उनका मकसद सिर्फ पंजाब का विकास है. बता दें कि पूर्व ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी प्रगट सिंह इस मोर्चे में सिद्धू के साथ हैं. प्रगट सिंह पहले अकाली दल से जुड़े थे, जहां से उन्हें निलंबित कर दिया गया.