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J&K: बदसलूकी झेलने वाले जवान ने कहा, मर जाऊंगा पर नहीं बोलूंगा PAK जिंदाबाद

कुछ कश्मीरी युवक उन पर पत्थर फेंक रहे थे और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे. यही नहीं वो जवानों से भी 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे बुलवाने के लिए भी पूरा जोर लगा रहे थे. विश्वकर्मा ने कहा कि वो देश के लिए लड़ते हैं और उसी के लिए मरने को भी तैयार हैं, वो इस तरह का नारा किसी भी हाल में नहीं लगा सकते.

जवान विक्की विश्वकर्मा ने बताई वजह जवान विक्की विश्वकर्मा ने बताई वजह
इंद्रजीत कुंडू/खुशदीप सहगल
  • संभलपुर ,
  • 19 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीआरपीएफ के जवानों पर पत्थरबाजों के हमले और बदसलूकी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. ये वीडियो सामने आने के बाद देश भर में लोगों ने जवानों के साथ इस तरह की हरकत की कड़े शब्दों में निंदा की थी. जिन जवानों के साथ बदसलूकी हुई थी उनमें से एक जवान ने पहली बार पूरी घटना के बारे में बताया.

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ओडिशा के संबलपुर जिले के रहने वाले सीआरपीएफ जवान विक्की विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें घाटी में किस तरह के हालात का सामना करना पड़ा था. 26 वर्षीय विश्वकर्मा समेत अन्य जवानों के साथ गाली-गलौज और बदसलूकी की ये घटना कश्मीर के बडगाम जिले की थी. तमाम तरह के उकसावे के बावजूद जवानों ने अत्यंत संयम का परिचय दिया और अपनी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

विश्वकर्मा ने बताया कि उनकी टुकड़ी के पास इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा का जिम्मा था. कुछ कश्मीरी युवक उन पर पत्थर फेंक रहे थे और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे. यही नहीं वो जवानों से भी 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे बुलवाने के लिए भी पूरा जोर लगा रहे थे. विश्वकर्मा ने कहा कि वो देश के लिए लड़ते हैं और उसी के लिए मरने को भी तैयार हैं, वो इस तरह का नारा किसी भी हाल में नहीं लगा सकते.

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सीआरपीएफ के जवान विश्वकर्मा के मुताबिक कश्मीरी युवकों ने उन्हें धक्के दिए, थप्पड़ मारे लेकिन इसके बावजूद एक भी जवान ने अपना आपा नहीं खोया और संयम बनाए रखा. उन्होंने कहा कि इस घटना की जानकारी तुरंतसेना के कंट्रोल रूम में दी गई. विश्वकर्मा इन दिनों छुट्टियों पर अपने गृहनगर संभलपुर आए हुए हैं. वो पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में सीआरपीएफ बटालियन 50 में तैनात हैं. विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने सीआरपीएफ 2011 में ज्वाइन की थी. इससे पहले भी वो 2012 में कश्मीर में तैनात रह चुके हैं.

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