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फिल्मों की अश्लीलता का बचपन पर बुरा असर: सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि फिल्मों की अश्लीलता का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और उनका भविष्य खराब हो रहा है. इस पर सेंसर बोर्ड को लगाम लगाना चाहिए.

कैलाश सत्यार्थी कैलाश सत्यार्थी
aajtak.in
  • भोपाल,
  • 18 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि फिल्मों की अश्लीलता का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और उनका भविष्य खराब हो रहा है. इस पर सेंसर बोर्ड को लगाम लगाना चाहिए.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव द्वारा बुधवार को राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में सत्यार्थी ने कहा कि फिल्मों में आज जिस बड़े पैमाने पर अश्लीलता दिखाई जा रही है उस पर फिल्म सेंसर बोर्ड को लगाम लगाना चाहिए.

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उन्होंने कहा, 'मैं भारतीय हूं और अंतिम सांस तक भारतीय रहूंगा.' साथ ही बच्चों को शिक्षा, रक्षा और सम्मान देने तथा उन पर हो रहे जुल्म को रोकने वे पूरे समर्पित भाव से कार्य करते रहेंगे. इस मौके पर राज्यपाल राम नरेश यादव ने कहा कि मानव और दरिद्र नारायण की सेवा बड़ा पुण्य कार्य है. इससे भी बड़ी सेवा और पुण्य का काम बेटियों और बच्चों के जीवन को सुखमय और उज्जवल बनाना है. कैलाश सत्यार्थी ने महात्मा गांधी और सम्राट अशोक के आदर्शों, सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर बचपन को बचाने का जो कार्य किया, वह अनुकरणीय है. राज्यपाल यादव ने सत्यार्थी को प्रशस्ति-पत्र भेंट कर सम्मानित किया.

राज्यपाल यादव ने कहा कि बचपन बचाने की जिम्मेदारी उठाने का साहस दिखाने वाले सत्यार्थी के कारण मध्य प्रदेश ने एक बार फिर विश्व मंच पर अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए पहचान स्थापित की है. इससे पूर्व मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाओ अभियान और लाडली लक्ष्मी योजना को पूरे विश्व में सराहा गया था. बेटी और बचपन दोनों को बचाए रखना समाज की जवाबदारी है. सत्यार्थी की जन्मस्थली मध्य प्रदेश का विदिशा जिला है. वे इन दिनों अपने गृह प्रदेश में आए हैं, उनका जगह-जगह सम्मान हो रहा है. इसी क्रम में राजभवन में समारोह हुआ.

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इनपुट-IANS

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