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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का कहना है कि मंगलवार को क्यूबा ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. मां से बच्चे में एचआईवी का संक्रमण रोकने वाला क्यूबा पहला देश बन गया है.
डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल मार्गरेट चान का कहना है कि 'वायरस के संक्रमण को रोकना लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी है. ये एचआईवी के खिलाफ हमारी एक बड़ी जीत है. एड्स मुक्त जेनरेशन के लिए ये कदम महत्वपूर्ण साबित होगा.'
एंटीरेट्रोवायरल ट्रीटमेंट से मिली कामयाबी
एड्स के प्रति लोग पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं. गर्भवती महिलाओं में स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरुकता को इस कामयाबी का श्रेय जाता है. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि मां से बच्चे में संक्रमित वायरस के मामले एक लाख से गिरकर 50 पर आ गए हैं. हालांकि मां से बच्चे में जाने वाले एचआईवी वायरस से बचाव के लिए एंटीरेट्रोवायरल ट्रीटमेंट 100 फीसदी कारगर नहीं है जिससे अब भी कुछ मामले सामने आ रहे हैं.
डब्लूएचओ और पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(PAHO) ने इस कामयाबी को मील का पत्थर बताते हुए कहा 'एचआईवी संक्रमण फैलने में इतनी कमी आई है कि अब ये लोक स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं रह गया है.'
PAHO के निदेशक का कहना है कि 'क्यूबा की कामयाबी ये दिखाती है कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इस वायरस की रोकथाम संभव है.'
संक्रमण को जड़ से खत्म करना लक्ष्य
क्यूबा के स्वास्थ्य अधिकारी 2010 से इन मामलों में गर्भवती महिलाओं को लेकर अधिक सावधानी बरती जाने, वायरस की जांच, एचआईवी पॉजिटिव मरीजो का इलाज, उनके बच्चों की देखभाल, सिजेरियन डिलीवरी और स्तनपान का विकल्प ढ़ूंढ़ने का काम कर रहे थे.
एचआईवी वायरस के साथ जन्मे बच्चों की संख्या 2009 में चार लाख थी. जो 2013 में 2,40,000 हो गई. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वैश्विक लक्ष्य के अनुसार इस आंकड़े को 2015 तक 40,000 पर लाने के लिए अभी काफी प्रयास करना होगा.