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चक्रवात गाजा से सहमा तमिलनाडु, नेवी अलर्ट पर, NDRF भी तैनात

मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान 'गाजा' गुरुवार शाम या रात को तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र में दस्तक दे सकता है. इस दौरान 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
राम कृष्ण
  • चेन्नई,
  • 15 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती तूफान 'गाजा' चेन्नई से करीब 380 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व और नागापट्टिनम से 400 किमी दूर उत्तरी पूर्व में स्थित है और आज(गुरुवार) रात 8 बजे से 11 बजे के बीच नागापट्टिनम जिले में दस्तक दे सकता है, जिससे तमिलनाडु में भारी बारिश होने की आशंका है.

'गाजा' से निपटने के लिए नागापट्टिनम में एनडीआरएफ की 4 और टीएनडीआरएफ की 4 टीमों को तैनात कर दिया गया है.  मौसम विभाग के मुताबिक जिस वक्त ये तूफान आएगा इस दौरान 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.

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तमिलनाडु सरकार पहले ही 30 हजार 500 राहत-बचाव कर्मी तैनात करने की घोषणा कर चुकी है. वहीं तंजौर, तिरुवरुर, पुडुकोट्टई, नागपट्टिनम, कुड्डलूर और रामनाथपुरम के कलेक्टरों ने गुरुवार को स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टी घोषित कर दी है. चक्रवाती तूफान के मद्देनजर पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में भी गुरुवार को सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे.

केंद्रीय जल आयोग ने बांधों पर लगातार नजर रखने की सलाह दी है और इस पृष्ठभूमि में तमिलनाडु के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार ने संवाददाताओं से कहा कि बांध, झीलें और नदियों पर लगातार नजर रखी जा रही है.

आयोग ने मानक परिचालन प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की सलाह दी थी, क्योंकि तटबंध वाले इलाकों में भारी बारिश बांधों को 24 घंटे से भी कम समय में भर सकती है. सरकार ने तेल विपणन कंपनियों से भी बातचीत की है और उन्हें ईंधन का पर्याप्त भंडार रखने को कहा है.

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भारतीय नौसेना अलर्ट पर

भारतीय नौसेना को दक्षिण तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों की ओर बढ़ रहे गाजा चक्रवाती तूफान को देखते हुए हाई अलर्ट कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. नौसेना अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) ने आवश्यक मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए उच्चस्तरीय तैयारी की है.

तूफान गुरुवार शाम में दोनों राज्यों के तटीय क्षेत्रों को पार कर सकता है. नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि दो भारतीय नौसैनिक जहाज रणवीर और खंजर मानवीय सहायता और संकट राहत के लिए सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए खड़े हैं.  उन्होंने बताया कि इन जहाजों में अतिरिक्त गोताखोर, डॉक्टर, हवा वाली रबड़ की नाव, हेलीकॉप्टर और राहत सामग्री तैयार है.

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