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साइक्लोन OCKHI के गुजरात की तरफ मुड़ने की आशंका, तटीय इलाकों के लिए अलर्ट

ऐसा अनुमान है कि 3 दिसंबर की सुबह से इस साइक्लोन की ताकत घटनी शुरू हो जाएगी, लेकिन इसके बाद यह तूफान गुजरात की तरफ मुड़ना शुरू हो जाएगा. ऐसा अनुमान है कि 3 दिसंबर खत्म होते-होते इस में हवाओं की रफ़्तार 135 से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रह जाएगी.

साइक्लोन ओखी का असर साइक्लोन ओखी का असर
सिद्धार्थ तिवारी/दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:09 AM IST

अरब सागर में मंडरा रहा साइक्लोन ओखी अब और ज्यादा खतरनाक हो चला है. मौसम विभाग के मुताबिक इस समय यह दक्षिण पूर्व अरब सागर में है. साइक्लोन के अंदर उमड़-घुमड़ रही हवाओं के हिसाब से अब यह इसे अति भीषण साइक्लोन माना जा रहा है. इसमें 150 से 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही है और हवा के झोंकों की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जा रही है.

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मौसम विभाग के साइक्लोन सेंटर के मुताबिक अब यह साइक्लोन लक्षद्वीप से दूर जा रहा है. लक्षद्वीप समूह से तूफान 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दूर हट रहा है. ऐसा अनुमान है कि 3 दिसंबर की सुबह से इस साइक्लोन की ताकत घटनी शुरू हो जाएगी, लेकिन इसके बाद यह तूफान गुजरात की तरफ मुड़ना शुरू हो जाएगा. ऐसा अनुमान है कि 3 दिसंबर खत्म होते-होते इस में हवाओं की रफ़्तार 135 से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रह जाएगी.

4 दिसंबर को यह साइक्लोन खंभात की खाड़ी की तरफ चल देगा, लेकिन जैसे जैसे यह गुजरात की तरफ चलेगा वैसे वैसे इसकी ताकत में कमी आती जाएगी 4 दिसंबर खत्म होते होते इसमें चल रही तेज हवाओं की रफ्तार 90 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रह जाएगी, लेकिन इस स्थिति में भी न्यू तूफान भीषण चक्रवात की कैटेगरी में ही रहेगा. इस दौरान उत्तर महाराष्ट्र के कोंकण के इलाकों में समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगेगी और इसी के साथ समुद्री किनारों पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं का सिलसिला शुरू हो जाएगा.

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तेज हवाओं का यह सिलसिला खंभात की खाड़ी से लगे हुए सभी इलाकों में देखा जाएगा. इस बात की आशंका को देखते हुए मौसम विभाग ने 4 दिसंबर से उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के सभी इलाकों में मछुआरों को समंदर में ना जाने की सलाह दी है. 5 दिसंबर आते-आते यह तूफान थोड़ा और कम ताकतवर रह जाएगा और इसमें हवाओं की रफ्तार 70 किलोमीटर से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रह जाएगी, लेकिन अभी भी यह तूफान चक्रवात की कैटेगरी का रहेगा. ऐसा अनुमान है की 5 दिसंबर की रात से यह तूफान गुजरात में लैंड फॉल करेगा और उसके बाद 6 दिसंबर को यह डीप डिप्रेशन में तब्दील होकर धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा.  

मौसम विभाग पूरी स्थिति पर बारीक नजर बनाए हुए है. अरब सागर में मौसम की परिस्थितियों पर लगातार विश्लेषण किया जा रहा है. मौसम विभाग के एडीजी डॉ. महापात्रा के मुताबिक साइक्लोन को लेकर 48 घंटे के बाद के किसी भी पूर्वानुमान के सौ प्रतिशत सही साबित होने की संभावना थोड़ा कम होती है, लिहाजा जैसे-जैसे साइक्लोन तट के किनारे पहुंचेगा. वैसे-वैसे इसके बारे में लगातार पूर्वानुमान बदलते रहेंगे. लेकिन साइक्लोन सेंटर का कहना है कि दक्षिण गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तमाम इलाकों में तमाम इलाकों में 4 तारीख से तेज हवाओं के साथ समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठने की खासी संभावना है. लिहाजा मछुआरों को समंदर में न जाने की सलाह दी गई है.

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