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दबंग 3 में नहीं दम, कमजोर कहानी के आगे फेल हुआ पॉवरपैक्ड एक्शन

सलमान खान की फिल्म दबंग 3 का इंतजार कर रहे हैं तो यहां पढ़ें बॉलीवुड के सुल्तान सलमान की फिल्म का रिव्यू.

Dabangg 3 review Dabangg 3 review
ऋचा मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST
फिल्म:दंबग 3
2.5/5
  • कलाकार :
  • निर्देशक :प्रभुदेवा

सलमान, सलमान, सलमान... ये 3 चीजें ही दबंग 3 में 2 घंटे 45 मिनट तक नजर आएंगी. इसलिए ये तय है कि अगर आप सलमान के फैन हैं तो फिल्म में आपको कोई कमी नजर नहीं आने वाली है. लेकिन एक बेहतरीन फिल्म की रिलीज का इंतजार वीकेंड को शानदार बनाने के लिए कर रहे हैं तो संभल जाएं ये फिल्म दिमाग में खिचड़ी पका देगी. इस बात को समझाने के लिए सलमान का ही डायलॉग काफी है कि हम दिल में आते हैं समझ में नहीं.

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फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी इंस्पेक्टर धाकड़ पांडे (सलमान खान) से शुरू होती है. जो बाद में चुलबुल पांडे बन जाता है. फिल्म की कहानी में बीती दबंग पार्ट की तरह फ्लैशबैग है. इसलिए फिल्म को सीधा समझे तो एक आम सा लड़का जो सुपरफिट है लेकिन घरवालों के लिए नकारा है. उसे मां और पिता तो बहुत प्यार करते हैं लेकिन घर में मौजूद सुलोचना मौसी सिर्फ ताने मारती हैं. धाकड़ का एक भाई है मक्खी (अरबाज खान) जो अपने भाई के कहने पर ही चलता है. कहानी आगे बढ़ती है और धाकड़ को खुशी (सई मांजरेकर) से प्यार हो जाता है. दोनों के परिवारवाले शादी के लिए तैयार हो जाते हैं. लेकिन तभी खुशी पर बाली (किच्चा सुदीप) की नजर पड़ती है. वो उसे एक तरफा प्यार करता है लेकिन जब उसे धाकड़ और खुशी के प्यार का पता चलता है तो खुशी समेत पूरे परिवार को धाकड़ के सामने मार देता है. लेकि‍न मुकदमा चलता है धाकड़ पर और मिलती है सजा.

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इस बीच जेल के सीनियर ऑफिसर की नजर धाकड़ पर पड़ती है और वो धाकड़ को झूठे आरोपों से बरी कराने के साथ उसे एक पुलिसवाला बनाते हैं. यहां धाकड़ पांडे का रूप बदल जाता है और वो चुलबुल पांडे बन जाते हैं. चुलबुल पांडे अपना बदला पूरा करने के लिए बाली को खाई से फेंक कर मार देते हैं. इसके बाद कहानी में आता है जंप, चुलबुल की मुलाकात होती है रज्जो (सोनाक्षी सिन्हा) से. दोनों प्यार करते हैं फिर शादी, उनका एक बेटा भी होता है, जिसकी उम्र 6 साल के करीब होती है. लेकिन कहानी में आगे बाली की फिर एंट्री होती है जो कैसे बच गया इसका फिल्म में जिक्र भी नहीं है. एक दिन बाली और धाकड़ दोनों फिर टकराते हैं. बाली भी अपना बदला भूला नहीं है. उसे लगता है कि खुशी को चुलबुल ने छीना है. चुलबुल का पुराना दर्द जाग जाता है. बाली पहले से ज्यादा गलत काम करता है. उसे खत्म करने के लिए चुलबुल पांडे कसम लेते हैं लेकिन उनका खात्मा कैसे होगा? या बाली फिर बच जाएगा यही फिल्म का क्लाइमेक्स है.

अदाकारी

फिल्म में सलमान खान अपने पुराने अंदाज में पहले से कहीं ज्यादा जवान नजर आ रहे हैं. एक्ट‍िंग के मामले में सलमान का अंदाज भले पुराना है लेकिन पर्दे पर दबंग अंदाज में उनकी एंट्री दर्शकों को सीटियां और तालियां बजाने पर मजबूर कर देती है. फिल्म में सोनाक्षी अपने रज्जो के किरदार में पहले की तरह है. हालांकि दबंग की बीवी का किरदार उन्होंने अच्छा निभाया है. चुलबुल की प्रेमिका बनी सई मांजरेकर का फिल्म से डेब्यू हुआ है. सई ने सीधी सादी लड़की के किरदार में ठीक ठाक काम किया है. फिल्म में विलेन के रोल में किच्चा सुदीप ने शानदार काम किया है. दबंग जैसे हीरो के आगे बाली जैसे विलेन के किरदार को किच्चा सुदीप ने शानदार तरीके से निभाया है. फिल्म में कई सपोर्ट‍िंग आर्ट‍िस्ट हैं, अरबाज खान, नवाब शाह, महेश मांजरेकर ने अच्छा काम किया है.

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एक्शन

दबंग 3 में एक्शन का फुल डोज है लेकिन कई जगहों पर सीन अविश्वसनीय, अकल्पनीय हैं. एक्शन में सलमान खान ने साउथ की फिल्मों को टक्कर देने की भरपूर कोशिश की है. जो कामयाब भी है. फिल्म में वीएफएक्स का काम जबरदस्त है. सलमान को जवान दिखाने में मेकअप आर्ट‍िस्ट ने बेहतरीन काम किया है. मूवी में सबसे अच्छी चीज है इसके गाने. खासतौर से मुन्ना बदनाम हुआ. सलमान खान ने मलाइका के मुन्नी बदनाम को पूरी टक्कर दी है.

फिल्म के दूसरे गाने भी सुने जा सकते हैं लेकिन कोई एसा गाना नहीं है जिसकी धुन और बोल आप गुनगुनाते हुए थिएटर से बाहर निकलते नजर आएं. दबंग 3 का एक्सरे निकाले तो फिल्म में देखने लायक कोई चीज नहीं है. ये महज पुरानी फिल्मों को निकालकर नया करके पेश किए जाने की कोशिश है. सलमान खान के फैन के लिए ये फिल्म भले ब्लॉकबस्टर हो लेकिन सलमान की पुरानी फिल्मों पर नजर डालें तो दबंग में वो बात नहीं है. इस‍लिए फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर असर पड़ना भी तय है.

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