
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में मुलाकात हुई. इस मुलाकात को लेकर दलाई लामा का कहना है कि मोदी-जिनपिंग की मुलाकात अर्थव्यवस्था के लिहाज से काफी अच्छी है. हालांकि दलाई लामा ने ये भी कहा है कि तिब्बती लोग चीन को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास का पाठ पढ़ाएंगे.
वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के पहले निर्वासित तिब्बत सरकार ने धर्मशाला में तीन दिन की विशेष आम सभा आयोजित की थी. इस बैठक में 24 देशों के 345 ऐसे प्रतिनिधि शामिल हुए जो धार्मिक तिब्बती नेता हैं. इसमें पास प्रस्ताव में कहा गया है कि दलाई लामा अपने 'पुनर्जन्म' यानी उत्तराधिकारी के बारे में खुद फैसला करेंगे.
चीन को 'पुनर्जन्म' पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं: सांग्ये
शनिवार (5 अक्टूबर) को दलाई लामा के पुनर्जन्म जैसे महत्वपूर्ण मसले पर सर्वसम्मति से चार प्रस्ताव पास किए गए. इस बैठक के बाद इंडिया टुडे से विशेष बातचीत करते हुए निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रेसीडेंट लॉबसांग सांग्ये ने कहा कि चीन को 'पुनर्जन्म' जैसे मसले पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को धर्म के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
दलाई लामा के पुनर्जन्म के लिए प्रस्ताव
लॉबसांग सांग्ये ने कहा, 'हमने प्रस्ताव पास किया है कि चीन सरकार ने 2007 में पुनर्जन्म को लेकर जो दस्तावेज नंबर पांच जारी किया था, वह हमें स्वीकार नहीं है. चीन के पास पुनर्जन्म की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की कोई विश्वसनीयता नहीं है. चीन सरकार के दस्तावेज नंबर पांच में कहा गया है कि कम्युनिस्ट पार्टी जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर पदानुक्रम और उनकी श्रेणियों के अनुसार पुनर्जन्म की मान्यता का फैसला करेगी.
आगे उनका कहा, 'कम्युनिस्ट पार्टी को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. जहां तक दलाई लामा के पुनर्जन्म की बात है तो इस पर फैसला सिर्फ और सिर्फ दलाई लामा ही लेंगे, कोई और नहीं.' यह चर्चा दो विषयों के इर्द गिर्द रही, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का विजन 550 और दलाई लामा का तिब्बती लोगों से संबंध. तिब्बती सरकार की संसद में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने इन प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास कर दिया.