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UP: सवर्णों के डर से दलितों ने खाली किया गांव, एहतियातन हटाई गईं युवतियां

पुलिस का दावा है कि अब इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण है. वहीं दलितों का आरोप है कि उन पर यह हमला गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ग्राम प्रधान प्रमोद राणा के आदेश पर हुआ. हालांकि पुलिस और ग्राम प्रधान इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं.

सवर्णों के डर से दलितों ने खाली किया गांव सवर्णों के डर से दलितों ने खाली किया गांव
आशुतोष कुमार मौर्य
  • बागपत,
  • 06 मई 2018,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST

उत्तर प्रदेश के बागपत में दलित उत्पीड़न का हैरान कर देने वाले वाकया सामने आया है. बागपत के कमला गांव में दो दिन पहले गुज्जर समुदाय के लोगों ने दो दलित युवकों के साथ मारपीट की थी. अब गांव में दलित परिवार दहशत में हैं और करीब एक तिहाई दलित परिवार गांव छोड़कर जा चुके हैं. इतना ही नहीं सुरक्षा के मद्देनजर एहतियातन लगभग सभी युवतियों को भी गांव से बाहर भेज दिया गया है.

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गुज्जरों के हमले में घायल एक दलित युवक 19 वर्षीय आकाश खोंडवाल का मेरठ क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. बीए की पढ़ाई करने वाले आकाश को वेंटिलेटर पर रखा गया है. डॉक्टरों ने बताया कि आकाश के एक पैर की हड्डी टूट गई है और कई जगहें चोटे आई हैं.

इसके अलावा हमले में आकाश की किडनी पर भी असर पड़ा है. उसके नाखून उखाड़ लिए गए हैं. गुज्जरों ने आकाश के भतीजे 16 वर्षीय मनीष की भी बुरी तरह पिटाई की है और उसके पूरे शरीर में जख्म हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है और पुलिस का दावा है कि अब इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण है. वहीं दलितों का आरोप है कि उन पर यह हमला गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ग्राम प्रधान प्रमोद राणा के आदेश पर हुआ. हालांकि पुलिस और ग्राम प्रधान इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं.

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पुलिस मारपीट की इस वारदात को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देख रही है. पुलिस का कहना है कि 20 वर्षीय एक दलित युवक का 18 साल की एक गुज्जर युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसके चलते मारपीट की यह घटना हुई.

गांव वालों का कहना है कि युवती के घरवालों ने 15 अप्रैल को गुज्जर समुदाय के ही एक युवक से उसकी शादी कर दी थी. लेकिन 27 अप्रैल को युवती अपने प्रेमी दलित युवक के साथ कहीं चली गई.

पुलिस का कहना है कि युवती के परिवार वालों को जैसे ही पता लगा कि उनकी बेटी भाग गई है, वे उसे खोजने निकल पड़े. युवती को खोज रहे गुज्जर समुदाय के लोगों ने ही दोनों दलित युवकों की बुरी तरह पिटाई की, क्योंकि दोनों उस दलित युवक के रिश्तेदार हैं.

पुलिस ने यह भी बताया कि 28 अप्रैल को युवती के घरवालों ने उसे खोज निकाला और उसे उसके ससुराल पहुंचा दिया, जबकि लापता दलित युवक का अभी भी कोई अता-पता नहीं है.

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