
आमिर खान की फिल्म दंगल भले ही पाकिस्तान में रिलीज न हो पाई हो लेकिन वहां के स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटरों ने अब भी इसके रिलीज होने की उम्मीद छोड़ी नहीं है. उन्हें उम्मीद है कि दंगल को पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की हरी झंडी मिल जाएगी और उसके बाद जल्द ही ये फिल्म सिनेमाघरों में दिखाई जा सकेगी.
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वाणिज्य मंत्रालय के साथ मिलकर शरीफ को एक आधिकारिक पत्र भेजा है जिसमें पाकिस्तान में दंगल की रिलीज की इजाजत मांगी गई है. स्थानीय वितरकों ने भारतीय मीडिया में उन खबरों को गलत बताया है जिसमें दंगल के पाक में रिलीज न होने की बात कही गई है. हालांकि इन वितरकों का कहना है कि दंगल की रिलीज में एक हफ्ते तक की देरी हो सकती है.
जियो फिल्म्स के मोहम्मद नासिर कहते हैं कि हां, पाक में फिल्म की रिलीज को लेकर हम कुछ दिक्कतें झेल रहे हैं लेकिन हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है. फिल्म एक हफ्ता लेट हो सकती है लेकिन अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
पाकिस्तानी सिनेमाघर मालिकों को उम्मीद है कि दंगल और जनवरी में रिलीज होने वाली बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों के प्रदर्शन से वे पिछले तीन महीने में हुए उस नुकसान की भरपाई कर सकते हैं जो भारतीय फिल्मों को बैन करने के बाद उन्होंने झेला है. बैन तो पिछले हफ्ते हटा लिया गया लेकिन दंगल की रिलीज पर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है.
जानें कहां टैक्स फ्री हुई है 'दंगल'
बताया जाता है कि जियो फिल्म के वितरक फिल्म की रिलीज संभव बनाने के लिए आमिर से संपर्क में हैं जोकि फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं. हालांकि सरकार के सूत्र बताते हैं कि अब केवल नवाज शरीफ ही इस मामले में चीजों को आगे ले जा सकते हैं. फिल्म एक्जीबिटर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के चेयरमैन जोरैज लशारी कहते हैं कि उन्हें भी पाक पीएम के जवाब का इंतजार है.
पहले दिन 'दंगल' की बंपर ओपनिंग
उन्होंने कहा कि रिलीज सस्पेंशन के चलते हम गंभीर आर्थिक संकट झेल रहे हैं. भारतीय कलाकार और वितरक चाहते हैं कि उनकी फिल्म पाकिस्तान में रिलीज हो लेकिन स्थानीय वितरक सरकार की हरी झंडी मिले बिना नई फिल्म खरीदने से हिचक रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों पर कोई बैन नहीं है और सरकार की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक आदेश पारित नहीं हुआ है.
'दंगल' देखने के लिए ATM से भी लंबी लाइन...
इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक स्थानीय वितरक दंगल जैसी फिल्मों के लिए 8 से 10 करोड़ रुपये भारतीय वितरकों को देते हैं और ये इससे तकरीबन 20 करोड़ रुपये तक कमाते हैं. पाकिस्तान भारतीय फिल्मों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. 1965 के युद्ध के पूरे 43 साल बाद 2008 में भारतीय फिल्मों की पाकिस्तानी सिनेमाघरों में वापसी हुई थी.