
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भांसी के सरपंच की नक्सलियों ने आखिरकार हत्या कर दी. नक्सली दलम पिछले छह महीने से सरपंच को निशाना बनाने की फिराक में थे. नक्सलियों ने सरपंच पर कई बार गोलियां चलाईं लेकिन वो अपने इरादों पर कामयाब नहीं हो सके. घटना वाले दिन नक्सलियों को इस बात की पुख्ता सूचना मिल चुकी थी कि भांसी गांव में आसपास के दो दिनों से ना तो तलाशी अभियान हुआ है और ना ही दूर-दूर तक पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों का डेरा है.
नक्सलियों ने मौक़ा पाते ही सरपंच राजू नेताम के घर आधी रात को धावा बोल दिया. जब सरपंच ने दरवाजा खोलने से मना किया तो नक्सलियों ने जबर्दस्ती दरवाजा तोड़ दिया. फिर राजू नेताम पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमला कर उनकी हत्या कर दी. सरपंच को मौत के घाट उतारने के बाद नक्सली वहां एक पर्चा भी छोड़ कर गए. इस पर्चे पर लिखा है कि ग्रामीणों को डरा धमकाकर सरेंडर करवाने वाले जन विरोधी नेताओं को जनता जरूर सजा देगी. चेतावनी भरे शब्दों में यह भी लिखा कि अग्नि संगठन, भाजपा संघ परिवार और पुलिस द्वारा प्रायोजित शहरी जुडुम नेताओं को खत्म करेंगे.
दरअसल बस्तर में बड़ी तादाद में आत्मसर्पण हो रहा है. नक्सली समर्थित संगम सदस्यों से लेकर कई हार्डकोर नक्सली अपने घुटने टेक रहे है. कोई पुलिस के सामने तो कोई CRPF और BSF के सामने आत्मसर्पण कर रहा है. कई ग्रामीण इलाकों में नक्सलवाद के प्रति ऐसा मोहभंग हुआ है कि नक्सलियों की उनके गांव में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है.
ग्रामीण लोग पहले नक्सलियों की सहायता भी करते थे लेकिन अब उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं कर रहे हैं. नाराज नक्सलियों को अंदेशा है कि बीजेपी के निर्दश के बाद ही उसके समर्थित पंच-सरपंच और नेता नक्सलवाद की जड़े कमजोर करने में जुटे हैं. लिहाजा इन्हें मौत के घाट उतारने की मुहीम छिड़ी हुई है. अब तक 22 पंच-सरपंच और स्थानीय नेताओं को इस अंदेशे के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी है. गांव के सरपंच राजू नेताम की हत्या के बाद गांव में दशहत का माहौल है.