
करीब दो साल पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पाकिस्तान और दुबई से हुई फोन कॉल्स की लिस्ट तैयार कर रही थी. तब उन्हें शायद ही पता होगा कि वो भारतीय क्रिकेट में एक बहुत रैकेट का भांडाफोड़ करने वाले हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक 26 मार्च 2013 को एक कॉलर (923333206****) ने अपनी बातचीत के दौरान 'लीग', 'ओवर' और 'रेट्स' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था. उस समय पुलिस कमिश्नर रहे नीरज कुमार सहित पुलिसवालों को शक हुआ कि वो क्रिकेट के बारे में बात कर रहे हैं और उन्होंने इस सिलसिले में तहकीकात आगे बढ़ाने का फैसला किया.
स्पॉट फिक्सिंग का भांडाफोड़
उसके बाद पता चला था कि राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी 'स्पॉट फिक्सिंग' में शामिल हैं. उस समय स्पॉट फिक्सिंग मैच फिक्स करने का नया तरीका था. फिक्सिंग के खिलाफ इस ऑपरेशन में मुंबई, राजस्थान की पुलिस एजेंसी के अलावा ईडी भी शामिल था. अलग-अलग राज्यों से करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें खिलाड़ी, उनके एजेंट और मैनेजर के अलावा सट्टेबाज भी शामिल थे.
...ऐसे सामने आया दाऊद का नाम आया सामने
दिल्ली पुलिस ने उस समय अलग-अलग मामलों में कुछ नंबरों को सर्विलांस पर रखा था. 26 मार्च 2013 को ही रात में 9 बजकर 32 मिनट पर पाकिस्तान से एक कॉल दुबई की गई थी. दोनों के बीच 108 सेकेंड के लिए बात हुई थी. दिल्ली पुलिस ने खुफिया एजेंसियों और रिसर्च अनालिसिस विंग (RAW) की मदद से इस आवाज का निरीक्षण किया. ये आवाज किसी और की नहीं बल्कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की थी.
दाऊद कोड वर्ड के जरिए बातचीत कर रहा था. बात में पता चला कि वो अपने साथी जावेज चौटानी से बात कर रहा था. दिल्ली का एक सट्टेबाज रमेश व्यास को भी इसी नंबर से फोन किया गया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अश्विन अग्रवाल उर्फ टिंकू मंडी, रमेश व्यास जैसे सटोरिटों की कॉल्स को इंटरसेप्ट पर डाला. इस तरह से स्पॉट फिक्सिंग का भांडाफोड़ हुआ. स्पॉट फिक्सिंग में खिलाड़ियों को एक ओवर में फिक्स्ड रन देने के लिए कहा जाता था, जिससे मैच का रिजल्ट बदला जा सके.
स्पॉट फिक्सिंग वाला पहला मैच
5 मई को पुणे वारियर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुए मैच में स्पॉट फिक्सिंग का पहला मामला सामने आया. 9 मई को स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई. इसके अगले दिन ही दत्त अपनी गर्लफ्रेंड के साथ गुड़गांव के फ्लैट में मरे हुए पाए गए. हालांकि ऑपरेशन जारी रहा और 6 दिन बाद एस श्रीसंत, अजीत चंडीला और अंकित चव्हाण को मुंबई से गिरफ्तार किया गया. तीनों खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स के थे.
इन क्रिकेटरों से पूछताछ में क्रिकेट जगत के कुछ बड़े नामों का भी खुलासा हुआ था. लेकिन सबूतों के अभाव में उनके खिलाफ एक्शन नहीं लिया जा सका.