
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल यूं तो मोदी सरकार पर काम न करने देने का आरोप लगाते हैं लेकिन उनके खुद के काम करने के हालात ये हैं कि डीडीए केजरीवाल को 24 चिट्टियां लिख चुका है और वो अपनी तरफ से एक छोटी सी नोटिफिकेशन जारी नहीं कर पाए हैं. मामला साल भर से अटकी लैंड पूलिंग पॉलिसी का है.
इस बात को साल भर से ज्यादा का वक्त हो चुका है जब डीडीए ने बड़े जोर-शोर से लैंड पूलिंग पॉलिसी का ऐलान किया था. घोषणा करते हुए डीडीए ने कहा था कि ये योजना दिल्ली में हाउसिंग स्कीम के लिए किए जाने वाले भूमि अधिग्रहण का नक्शा बदल देगी. मुमकिन है ऐसा हो भी पाता अगर दिल्ली सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी को अमली जामा पहनाने देती. हालात ये हैं कि केजरीवाल खुद तो सुबह शाम ट्विटर पर केंद्र सरकार पर काम न करने देने का आरोप लगाते हैं लेकिन खुद पिछले एक साल से साधारण सी नोटिफिकेशन जारी नहीं कर पाए हैं.
डीडीए ने अपनी तरफ से पॉलिसी साल भर पहले ही नोटिफाई कर दी थी लेकिन पॉलिसी के अमल में आने के लिए दिल्ली सरकार को 89 गांवों को शहरी गांव नोटिफाई करना है ताकि शहरों के नियमों से वहां विकास हो सके, 95 गांवों को विकासशील इलाके के तौर पर नोटिफाई करना है और डीडीए ने पॉलिसी का जो बेस मैप दिल्ली सरकार को भेजा है उसे रेवेन्यू विभाग से अप्रूव करवाना है.
विपक्ष का आरोप है कि केजरीवाल काम करना चाहें तो ये काम एक हफ्ते का भी नहीं. इस पॉलिसी के तहत आने वाली जमीनों को डीडीए पहले बाजार कीमतों पर खुद एक्वायर करेगा उसके बाद जमीनों के पूल से अलग-अलग प्लॉट डेवेलपर्स को प्रोजेक्ट के लिए दिए जाएंगे. लेकिन ये सब तब हो सकेगा जब केजरीवाल सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी पर फैसला लेगी.