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दिल्ली: बच्चे की डिलीवरी में लापरवाही पर अस्पताल और डॉक्टर पर एक करोड़ रुपयों का जुर्माना

नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन (एनसीडीआरसी) ने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और उसकी एक डॉक्टर पर करीब 15 साल पहले एक बच्चे के जन्म के समय लापरवाही बरतने पर एक करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है.

अपोलो अस्पताल अपोलो अस्पताल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (एनसीडीआरसी) ने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और उसकी एक डॉक्टर पर करीब 15 साल पहले एक बच्चे के जन्म के समय लापरवाही बरतने पर एक करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है.

आयोग ने अस्पताल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. आपको बता दें कि वर्ष 1999 में जन्म के समय लापरवाही के कारण बच्ची मानसिक विकलांग हो गई और कई जगह पर इलाज के बाद 12 साल की उम्र में बच्ची की मौत हो गई. अभिभावक ने साल 2002 में कंज्यूमर कमीशन में चिकित्सकीय लापरवाही की शिकायत की थी.

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एक डॉक्टर दंपति को भुगतान किए जाने वाले मुआवजे में 80 लाख रुपये अस्पताल को और 20 लाख रुपये महिला डॉक्टर सोहिनी वर्मा को देना होगा. आयोग के मुताबिक, 'इस दंपति ने लंबे समय तक बांझपन का इलाज कराया, जिसके बाद इन्हें सफलता मिली. गर्भवती मां को सरिता विहार के अपोलो अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था.

अस्पताल में इनकी नाजुक हालत को देखते ही हुए भी इमरजेंसी सिजेरियन नहीं किया और मां को दवा का हाईडोज दे दिया गया. प्रसव में कई घंटों की देरी की गई, जिससे बच्ची जन्म के साथ ही सेरेब्रल पाल्सी की शिकार हो गई.

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