
दीपिका पादुकोण की फिल्म 10 जनवरी को रिलीज हो रही है. फिल्म रिलीज से पहले दीपिका पादुकोण जेएनयू विजिट पर गईं. जिसके बाद उनकी फिल्म को बायकॉट करने की मांग उठने लगीं. वहीं सोशल मीडिया पर राजेश और नदीम नाम ट्रेंड करने लगा. ये ट्रेंड तब शुरू हुआ जब फिल्म में एसिड अटैकर का नाम और धर्म बदलने की खबरें आने लगीं. इसके बाद कई दिग्गजों ने छपाक मेकर्स पर सवाल उठाए गए. पर्यावरण और वन मंत्रालय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने प्रतिक्रिया दी.
लेकिन बाद में ये साफ हो गया कि फिल्म में एसिड अटैकर का सिर्फ नाम बदला गया है धर्म नहीं. आजतक की जर्नलिस्ट पल्लवी ने भी फिल्म छपाक देखी तो ये साफ हो गया कि फिल्म में अटैकर का धर्म नहीं बदला गया है. बता दें कि लक्ष्मी अग्रवाल के ऊपर नदीम खान ने एसिड फेंका था. वहीं खबरें आई थी कि फिल्म में उसका नाम बदलकर राजेश कर दिया गया है. उसका धर्म बदल दिया गया है. जबकि ऐसा नहीं है फिल्म में उसका नाम बशीर खान है.
बाबुल ने ट्वीट कर दी सफाई
उन्होंने लिखा- तो ये पता चला है कि छपाक में अपराधी का नाम बशीर खान उर्फ बब्बू है, न कि सतीश जैसा कि मीडिया में बताया गया है. मुझे पूरी ईमानदारी से लगता है कि #Boycott_Chhapaak जैसा कुछ नहीं है.
दूसरे ट्वीट में सुप्रियो ने लिखा- हालांकि, मुझे लगता है कि बशीर खान का बबलू या सतीश या अजय होने के बारे में स्पष्ट रूप से कहना अभी भी बुद्धिमानी है. (कई लोगों को अभी भी इस पर कड़ी आपत्ति है) इससे बिना मतलब की परेशानी पैदा होती है जैसा कि हुआ भी. विशेष रूप से इसलिए है क्योंकि निर्देशक एक राजनीतिक स्टैंड और राय रखते हैं.
बता दें कि एसिड अटैकर के धर्म को लेकर बाबुल सुप्रियो ने बयान दिया था, "जब आप कहते हैं कि कहानी के सभी पात्र और घटनाएं काल्पनिक हैं तो आप पूरी तरह से हिप्पोक्रेसी दिखा रहे होते हैं. जब आप नाम बदलते हैं तो आप उसी के साथ धर्म भी बदल देते हैं. ये सब जान बूझकर किया गया है.''
दीपिका के लिए बाबुल सुप्रियो ने क्या कहा?
अब बाबुल ने दीपिका के लिए कहा- मैं अपनी वोटिंग प्राथमिकताओं या अपने राजनीतिक विचारों के कारण छपाक या दीपिका पादुकोण से मुंह नहीं मोड़ने जा रहा हूं. वो एक बहुत ही प्रतिभाशाली एक्ट्रेस हैं और अगर फिल्म मुझे पसंद आ रही है तो मैं फिल्म देखूंगा. इसका मतलब ये नहीं है कि वो जो भी कहती हैं मैं उससे सहमत हूं. उनके राजनीतिक विचार उनके अपने हैं. साथ उन्हें अपने विचार व्यक्त करने का पूरा अधिकार है. मैं उनसे असहमत हो सकता हूं और मैं ऐसा कह सकता हूं. लेकिन मैं बायकॉट नहीं करने वाला हूं. मैं कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करूंगा. मुझे असुविधा हुई लेकिन असॉल्ट नहीं हुआ. हां लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं करूंगा.
दीपिका की जेएनयू जाने की टाइमिंग पर बाबुल ने क्या कहा?
बाबुल ने कहा- सोशल मीडिया के दौर में लोगों की राय है. लोग सवाल करेंगे और इसलिए टाइमिंग पर सवाल उठाया जाएगा. दो पक्ष होने जा रहे हैं. वो घायल एबीवीपी स्टूडेंट्स से भी मिल सकती थी. दीपिका को नकारात्मक प्रचार की जरूरत नहीं है लेकिन फिर लोग सवाल उठाएंगे.
शाहरुख और अमिताभ पर क्या बोले बाबुल?
बाबुल ने कहा- मैं ऐसे लोगों की निंदा करता हूं जो पक्ष नहीं लेने पर उनकी आलोचना कर रहे हैं. टिप्पणी नहीं करना भी एक टिप्पणी है.
खबर के तथ्य को जाने बिना जाने सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी एक ट्वीट को रीट्वीट कर दिया जिसमें फिल्म की जांच करने के बाद उस पर केस किए जाने की बात कही थी.वहीं प्रकाश राज ने दीपिका के लिए कहा- पीएम मोदी हिटलर की तरह हैं. दीपिका और मैं किसी पॉलिटिकल पार्टी से नहीं हैं. हम भारत के जिम्मेदार नागरिक हैं और मैं दीपिका के साथ खड़ा हूं.
कहां से शुरू हुआ था छपाक पर फेक न्यूज का घटनाक्रम
दीपिका की फिल्म के खिलाफ स्वराज नामक मैगजीन में झूठी खबर छपी. जिसमें लिखा गया कि फिल्म में तेजाब फेंकने वाले किरदार का नाम हिंदू रखा गया है जबकि वास्तविक कहानी में वह मुस्लिम था. यहीं से छपाक को बायकॉट करने का पूरा घटना क्रम शुरू हुआ.