
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह. मई से पहले गृहमंत्री और उसके बाद रक्षामंत्री. पहले शांत और गंभीर रहते थे. अब एक शिकारी की तरह सतर्क और आक्रामक. बदल चुका है राजनाथ सिंह का तेवर या वे खुद इसे बदलने का प्रयास कर रहे हैं. बतौर गृहमंत्री उन्हें सोशल मीडिया पर 'निंदानाथ सिंह' तक कहा गया. लेकिन उन्होंने किसी भी उकसावे पर कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन अब सीमित शब्दों में ही सही लेकिन पाकिस्तान को चेतावनी देते दिखते हैं. कभी आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते दिखाई देते हैं. क्या रक्षामंत्री बनने के बाद राजनाथ सिंह बदल चुके हैं?
71 की गलती मत दोहराना, नहीं तो PoK का क्या होगा समझ लेना: राजनाथ सिंह
अगर पिछले 2 महीनों में उनकी सक्रियता को देखें तो लगता है हां, ये बदलाव आया है. लुटियंस जोन में स्थित नॉर्थ ब्लॉक यानी गृह मंत्रालय से साउथ ब्लॉक यानी रक्षा मंत्रालय जाते ही इतना बदलाव कैसे आया? राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तान अब जम्मू-कश्मीर को भूल जाए. उसे अब PoK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) की चिंता करनी चाहिए. फिर राजनाथ सिंह यह चेतावनी भी देते हैं कि अब वह समय नहीं रहा कि भारत पहले हमला नहीं करेगा. जरूरत महसूस हुई तो हमला करेंगे.
PAK को राजनाथ की सख्त चेतावनी- बंद करो आतंकवाद, वरना हो जाओगे टुकड़े-टुकड़े
इस समय देश के तीन दिग्गज नेता पाकिस्तान, आतंकवाद और सीमा के मुद्दे को लेकर मजबूती से सामने आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. वहीं, गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर, अनुच्छेद 370 और असम के मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार किए हुए हैं. अब बचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, तो इन्होंने 20 दिनों में तीन बार ऐसे मौकों पर पाकिस्तान को घेरा जब-जब भारत ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है.
रक्षामंत्री बनने के 48 घंटे में पहुंचे सियाचिन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 3 जून को जम्मू-कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर पहुंचे. यहां पर उन्होंने अधिकारियों से मुलाकात की और बॉर्डर पर तैयारियों का जायजा लिया. रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख बिपिन रावत भी थे. यह बतौर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहली सियाचिन यात्रा थी. उन्होंने पदभार ग्रहण करने के 48 घंटे से कुछ ज्यादा वक्त बाद ही सियाचिन दौरा किया. उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची सैन्य तैनाती (12,000 फुट) ऊपर जवानों के साथ दिन बिताया. यात्रा के बाद उन्होंने कहा कि मैंने शिखर से शुरुआत की है और मैं वहां टिका रहूंगा.
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19 सितंबरः स्वदेशी फाइटर जेट तेजस में उड़ान भरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेसी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी. लगभग तीस मिनट हवा में रहे. सफल उड़ान के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि तेजस में उड़ान भरना गर्व की बात है. राजनाथ सिंह ने ये भी बताया कि मैंने तेजस को इसलिए चुना, क्योंकि ये देसी है. भारत की जनता को अपनी वायुसेना, थल सेना और नेवी पर गर्व है. पूरा विश्वास भी है. रक्षा मंत्री ने कहा कि तेजस पूरी तरह से भारत में बना है और दुनिया के दूसरे देश भी इसे मांग रहे हैं. तेजस को एक्सपोर्ट करने का सिलसिला भी अब भारत ने शुरू कर दिया है. तेजस की उड़ान के दौरान राजनाथ सिंह पहली बार अपनी पसंदीदा पोशाक धोती-कुर्ता के बजाय पायलट सूट में दिखाई दिए.
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29 सितंबरः INS विक्रमादित्य से चलाईं ताबड़तोड़ गोलियां
10 दिन बाद ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गोवा में आईएनएस विक्रमादित्य पर पूरा दिन बिताया. वहां जवानों के साथ योग किया. मशीनगन से ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं. साथ ही यह भी बताया कि भारत 26/11 हमले को कभी भूल नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि हमने जो पहले गलतियां की है, उसे अब नहीं दोहराएंगे. देश की समुद्री सीमाओं पर आतंकी हमले का खतरा आज भी बरकरार है. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा था कि इस साजिश के पीछे एक पड़ोसी मुल्क की साजिश है. लेकिन उसका मंसूबा कामयाब नहीं होने देंगे. जरूरत पड़ेगी तो मुंहतोड़ जवाब देंगे.
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8 अक्टूबरः फ्रांस में राफेल की शस्त्र पूजा की, उड़ान भरी
29 सितंबर के अगले 10 दिन बाद यानी 8 अक्टूबर को रक्षामंत्री फ्रांस गए और उन्होंने भारत के पहले राफेल फाइटर जेट की शस्त्र पूजा की. राफेल में उड़ान भी भरी. उन्होंने कहा कि राफेल के भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हो गया है. अभी भारतीय पायलटों की फ्रांस में ही ट्रेनिंग होगी. 4 विमानों की पहली किस्त मई 2020 में मिलेगी. फरवरी 2021 तक ये विमान पूरी तरह से ऑपरेशनल होंगे. भारत फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रहा है. तीन साल में सभी राफेल आ जाएंगे. 18 अंबाला एयरफोर्स स्टेशन और 18 अरुणाचल प्रदेश में तैनात होंगे.
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