
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के रूस के दौरे पर हैं. पिछले तीन महीनों में राजनाथ का ये पहला विदेशी दौरा है. रक्षा मंत्री आज यानी मंगलवार सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे) रूसी नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
राजनाथ सिंह रूस की विक्ट्री डे परेड के 75 साल पूरा होने पर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. बुधवार को होने वाली इस परेड में भारत की सेना के जवान भी शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में रूस ने चीन को भी न्योता दिया है. तनाव के बाद ये पहला मौका होगा जब भारत और चीन के नेता आमने सामने होंगे, लेकिन हिंदुस्तान ने चीन के साथ किसी भी तरह की औपचारिक बातचीत ना करने का फैसला किया है.
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मौजूदा हालात को देखते हुए राजनाथ का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. भारत रूस का पुराना दोस्त है. वहीं चीन के साथ रूस के पिछले कुछ सालों में संबंध सुधरे हैं. ऐसे में एशिया की दो महाशक्तियों के बीच तनाव को देखते हुए रूस की भूमिका काफी अहम है.
हथियारों की जल्द डिलीवरी की मांग कर सकता है भारत
राजनाथ सिंह के इस दौरे में रूस के साथ चल रही डील को लेकर चर्चा होगी. सूत्रों की मानें तो भारत रूस से हथियारों को लेकर जो डील हुई है उनकी जल्द डिलीवरी की मांग कर सकता है, जिसमें फाइटर एयरक्राफ्ट, टैंक और सबमरीन शामिल हैं.
रूस के साथ बड़े हथियारों की डील में सबसे अहम है एस-400 डिफेंस सिस्टम. एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को दिसंबर 2021 तक मिलना था, लेकिन कोविड-19 की वजह से उसकी डिलीवरी में देरी हो रही है.
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ऐसे में भारत इस सिस्टम की जल्द मांग कर सकता है, क्योंकि सतह पर जंग लड़ने के मामले में पूरी दुनिया में इस सिस्टम की कोई काट नहीं हैं. चीन से सटी पहाड़ी सीमा में ये काफी कारगर साबित हो सकता है. भारत इस डील की खरीददारी की बड़ी रकम रूस को दे चुका है. इसके अलावा सुखोई 30एम और टी-90 टैंक की भी जल्द डिलीवरी की मांग भारत कर सकता है.