
देहरादून में जहरीली शराब कांड में अवैध कारोबारी और इस घटना के मुख्य आरोपी घोंचू उर्फ अजय सोनकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लंबे समय से पुलिस उसकी खोजबीन कर रही थी. जहरीली शराब से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. सोनकर इस घटना का मुख्य अभियुक्त है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को गृह, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों को तलब किया था. मुख्यमंत्री रावत ने किसी भी हाल में इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे. अभी तक इस मामले में 2 पुलिस अधिकारी और 2 आबकारी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है.
बता दें जहरीली शराब के बेचे जाने वाली जगह की दूरी मुख्य कोतवाली से लेकर पुलिस मुख्यालय तक नाममात्र की है. इसके बावजूद पुलिस को इसकी थोड़ी भी भनक नहीं लगी और शराब का धंधा काफी समय से फल-फूल रहा था.
पुलिस की लापरवाही
स्थानीय लोगों के मुताबिक कई बार शराब की बिक्री की शिकायत पुलिस से की गई, लेकिन उन पर कार्रवाई करने के बजाए पुलिस उनसे पैसे लेकर उन्हें छोड़ देती है और मामले से किनारा कर लेती है. शराब माफिया से जुड़े लोग कुछ दिन बाद फिर से काम शुरू कर देते हैं.
जनता ही नहीं स्थानीय विधायक गणेश जोशी का बयान उनकी सरकार के साथ-साथ पुलिस पर भी सवाल खड़ा करता है. गणेश जोशी का कहना है कि पहले भी इसकी शिकायत पर सीओ रेंज के अधिकारी को जांच में लगाया गया था. लेकिन शराब माफियाओं के संबंध इतने मजबूत हैं कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही उनको सूचना प्राप्त हो जाती थी और वहां से हट जाते थे. इससे साफ हो जाता है कि पुलिस से माफियाओं के संबंध किस प्रकार मजबूत थे.