
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के हालात को देखने के लिए मुस्लिम धर्मगुरु का एक प्रतिनिधिमंडल घाटी जाएगा. अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दीवान सैयद जैनुअल अली आबेदीन खान ने गुरुवार को कहा कि धारा 370 हटाए जाने के बाद माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. कश्मीर के लोग सुफिज्म को मानते हैं. वहां के युवाओं को पैगाम देना जरूरी है. यह प्रतिनिधिमंडल 12 अक्टूबर को जाएगा और 14 तक वहीं रहेगा. धर्मगुरु कश्मीर की दरगाहों में जाकर युवाओं को संबोधित करेंगे.
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती ने जम्मू कश्मीर में शांति बनाने को लेकर गुरुवार को दरगाह दीवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दरगाह दीवान ने कहा कि जम्मू कश्मीर के युवाओं को शांति का पैगाम देना जरूरी है जिसके लिए यूपी, बिहार, गुजरात, बिहार, मध्यप्रदेश, तेलंगाना आदि प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीन की निगरानी में एक डेलिगेशन रवाना किया जा रहा है. यह डेलिगेशन 12 अक्टूबर को जाएगा और 14 तक वही रहेगा. वहां की दरगाहों में जाकर युवाओं को संबोधित करने की तैयारी है ताकि बाहर के मुल्कों में जो गलतफहमी फैलाई जा रही है, उसको दूर किया जा सके.
डेलिगेशन में शामिल सैयद नसीरुद्दीन ने कहा कि कश्मीर में शांति कायम हो, इसके लिए मोहब्बत का पैगाम कारगर होगा. वहां के लोगों को हिंदुस्तान की मुख्यधारा में जोड़ना है. उन्होंने कहा, कश्मीर की लड़ाई का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है, हम पाकिस्तान को करारा जवाब देना चाहते हैं. हम कश्मीरियों को मोहब्बत का संदेश देंगे.